मुंबई। आज के समय में जब पैसे ने भाई को भाई का दुश्मन बना दिया है, यहां भाई और परिवार से प्यार की ऐसी बानगी देखने को मिली कि जिसने सुना उसकी आंख नम हो गई। दो दिन पहले गोरेगांव के टेक्निप्लस कॉम्प्लेक्स में लगी आग में जान गंवाने वाले अब्दुल को जान जाते हुए भी अपने परिवार की चिंता सता रही थी।
The young man trapped in the fire did the brother before he died, given the ATM PIN
उन्होंने अपने आखिरी समय में अपने भाई को फोन किया और अपने एटीएम कार्ड का कोड बताते हुए परिवार को सारे रुपये देने के लिए कहा। बता दें कि रविवार को लगी आग में अब तक पांच लोगों की मौत हो गई है। अब्दुल इमारत की सातवीं मंजिल पर फंसे हुए थे। वे और दर्जनों अन्य वर्कर रविवार को सातवें और आठवें तले पर सफाई कर रहे थे। आग लगने पर बाकी सभी भागने में सफल रहे थे लेकिन लपटों से बचते-बचते अब्दुल एक कोने में पहुंच गए जहां से वह निकल नहीं सके।
नके भाई नदीम खान ने बताया, ‘अब्दुल का एहसास हो गया था कि उनके पास कोई रास्ता नहीं है और उन्होंने उसे ही किस्मत मान लिया। उन्होंने अपने बड़े भाई तौफील को फोन किया और बताया कि वह आग में फंस गए हैं और बच नहीं सकते। उन्होंने फिर तौफील से एटीएम पिन नोट करने के लिए कहा और उनके अकाउंट से पैसे निकालकर परिवार देने को कहा।’
उन्होंने बताया कि तौफील यह सुनकर स्तब्ध रह गए और उन्होंने अब्दुल से बाहर निकलने का रास्ता खोजते रहने के लिए कहा। उन्होंने एटीएम का पिन लेने से भी मना कर दिया। उन्होंने पूछा कि क्या पास में कोई खिड़की नहीं जिससे अब्दुल बाहर कूद सके। नदीम ने बताया कि घटना के बाद से तौफील टूट चुके हैं। वह अपनी और अब्दुल की आखिरी बातचीत को याद करते रहते हैं और सोचते रह सकते हैं कि क्या वह अब्दुल को बचाने के लिए और कुछ कर सकते थे।
तौफील ने अपने भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट गोरेगांव पुलिस में दर्ज कराई। अब्दुल उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से चार महीने पहले नौकरी की तलाश में मुंबई आए थे। उनका परिवार उनकी शादी कराने के बारे में सोच रहा था। उन्हें मंगलवार को अस्पताल बुलाकर शव की शिनाख्त कराई गई।