कमला नेहरू अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड से अब तक 12 बच्चों के शव अस्पताल से बाहर निकल चुके

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TIO BHOPAL

8 नवंबर 2021। कमला नेहरू अस्पताल की तीसरी मंजिल पर चिल्ड्रन वार्ड। सोमवार रात 8:30 बजे। इस रात को याद कर वहां तैनात दो स्टाफ नर्स सिहर जाती हैं। दोनों ने आग का वो भयानक मंजर आंखों से देखा है। इनमें से एक हैं, बबीता पंवार और दूसरी राजेश राजा। राजेश राजा थोड़ी दूर थीं। बबीता वार्ड में मौजूद थीं। रात में 4 बच्चों की मौत हो गई। वहीं, दूसरे दिन मंगलवार शाम तक 10 मासूमों की किलकारी खामोश हो गई।

8 नवंबर को मेरी SNCU वार्ड में नाइट ड्यूटी थी। रात 8:30 बजे थे। वार्ड में करीब 20 बच्चे भर्ती थे। यहां एक बच्चा सीरियस हालत में आया। उसे वेंटिलेटर की जरूरत थी। मैं बच्चे को टोपा लगा रही थी। वार्ड बॉय वेंटीलेटर लेकर आए। जैसे ही डॉक्टर ने वेंटीलेटर चालू किया, उसमें आग लग गई। ऐसा लगा जैसे ये अभी फट जाएगा। मैं तुरंत बच्चे को उठाकर ले गई।

वहां मौजूद डॉक्टर ने आग बुझाने वाले सिलेंडर से आग पर काबू पाने की कोशिश की। अचानक धुआं फैलने लगा। हम लोग रोने लगे। समझ नहीं आ रहा था, क्या करें। बच्चों की जान ज्यादा प्यारी थी। कुछ नहीं दिख रहा था। खिड़की तोड़ी, तो थोड़ा धुआं बाहर निकला। खुद से ज्यादा बच्चों की जान ज्यादा जरूरी थी, जैसे-तैसे बच्चों को उठाकर PICU में शिफ्ट किया। सभी लोग आ गए। अटेंडर और डॉक्टर भी आ गए।’

मेरी भी SNCU वार्ड में नाइट ड्यूटी थी। अचानक वेंटिलेटर में ब्लास्ट हुआ। अफरा-तफरी मच गई। फिर हम बच्चों को निकालने में लग गए। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें और क्या नहीं। धुआं इतना ज्यादा कि कुछ नहीं दिख रहा था। शोर सुनकर दूसरे अटेंडर और स्टाफ के लोग आ गए। सभी ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन पहले बच्चों को निकाला। मैंने खुद करीब 8 से 10 बच्चों को PICU में शिफ्ट किया। अंधेरा हो गया। वार्ड में धुआं भर गया। ऑक्सीजन के लिए खिड़की तोड़ी। बच्चों को बचाते-बचाते मैं कब बेहोश हो गई। पता ही नहीं चला।

मेरा भांजा दो दिन पहले ही SNCU में भर्ती था। अब वह 5वीं मंजिल के वार्ड में है। मैं और मेरे जीजा मोहम्मद आमिर 5वीं मंजिल पर थे। हम नीचे जा रहे थे। अचानक लोग भागने लगे। हमने पूछा तो बताया कि तीसरी मंजिल पर आग लग गई है। हमें पता था कि वह बच्चों का वार्ड है। हम तुरंत उसकी तरफ दौड़े। सभी तरफ धुआं भरा हुआ था। फिर मैंने सिलेंडर से खिड़की में लगा कांच तोड़ा, जिससे धुआं बाहर निकल सके। कांच तोड़कर अंदर घुस गया।

आंसू बह रहे थे। मैं और मेरे जीजा दोनों बच्चों को बचाने में लग गए। वहां मौजूद आग बुझाने वाले सिलेंडर से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन वे काम नहीं कर रहे थे। आग तेज थी। हमने भी जैसे-तैसे स्टाफ की मदद से बच्चों को बाहर निकलवाया। अभी भी खट्‌टी डकारें आ रही हैं। सीने में भी दर्द हो रहा है। जैसा कहा जा रहा है कि स्टाफ भाग गया था। ऐसा कुछ नहीं है स्टाफ डटा हुआ था और उन्होंने लोगों की मदद की।

भोपाल के हमीदिया के कमला नेहरू अस्पताल के चिल्ड्रन वार्ड में सोमवार रात लगी भीषण आग से अब तक 12 बच्चों के शव अस्पताल से बाहर निकल चुके हैं। अब तक प्रशासन 4 मौत की पुष्टि कर रहा था। बुधवार को सरकारी आंकड़ों में मौतों की संख्या पांच हो गई है। इन पांचों बच्चे के पोस्टमार्टम कराए जा चुके हैं। कमला नेहरू में भर्ती 10 बच्चों की हालत नाजुक बनी है। इधर, हादसे के बाद बड़ी संख्या में परिजन अपने बच्चों को अस्पताल से रेफर कराकर दूसरे अस्पताल में लेकर जा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह अस्पताल प्रबंधन पर परिजनों का भरोसा नहीं होना सामने आ रहा है।

मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह 11:30 बजे कमला नेहरू अस्पताल में हुई दुखद घटना के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी , चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह, मुख्य सचिव , पीएस मुख्यमंत्री, पीएस हेल्थ, पीएस गृह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आवश्यक दिशा निर्देश देंगे और बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय हो सकते है ।