मां बीमार है, इसलिए गांव वालों ने किसी को जितेंद्र के घर तक नहीं जाने दिया, CDS बिपिन रावत का चॉपर धुंध में बहुत नीचे उड़ रहा था, ब्लैक बॉक्स भी मिला

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TIO NEW DELHI

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का अंतिम संस्कार शुक्रवार को होगा। रावत, मधुलिका और हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोगों के शव मद्रास रेजीमेंट सेंटर लाए गए हैं। यहां से रावत और मधुलिका की पार्थिव देह गुरुवार शाम दिल्ली लाई जाएगी। शुक्रवार सुबह 11 से दोपहर 2 बजे के बीच लोग रावत के दिल्ली स्थित घर पर अंतिम दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद कामराज मार्ग से बरार चौराहे शवयात्रा निकाली जाएगी। दिल्ली कैन्टोन्मेंट में अंतिम संस्कार होगा। इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ ने हादसे पर बयान देना शुरू कर दिया है।देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत का बुधवार को हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे हेलिकॉप्टर क्रैश से ठीक पहले का बताया जा रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि नीलगिरी के जंगलों में किसी टूरिस्ट ने अपने मोबाइल से हेलिकॉप्टर के क्रैश होने से पहले यह वीडियो रिकॉर्ड किया है।

वीडियो में घटनास्थल पर काफी धुंध नजर आ रही है। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि क्रैश के समय मौसम काफी खराब था। विजिबिलिटी बहुत ही कम थी। वीडियो में रावत का चॉपर धुंध में बहुत नीचे उड़ता हुआ नजर आ रहा है। कुछ ही सेकेंड्स में यह पेड़ों से टकरा जाता है। चॉपर इतना नीचे क्यों उड़ रहा था, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक ले रहे हैं। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हैं।
  • फॉरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट की टीम क्रैश साइट पर पहुंची। टीम को डिपार्टमेंट के डायरेक्टर श्रीनिवासन लीड कर रहे हैं। घटनास्थल से फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वाइस रिकॉर्डर बरामद किया गया है।

ब्लैक बॉक्स मिला, हादसे की वजह सामने आएगी
कुन्नूर में हादसे वाली जगह से ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। इससे ही हादसे की असल वजह सामने आ पाएगी।

हेलिकॉप्टर तेजी से पेड़ों पर गिरा
इस मामले में कुछ चश्मदीद भी सामने आए हैं। इनके मुताबिक हेलिकॉप्टर तेजी से पेड़ों पर गिरा। इसके बाद उसमें आग लग गई। एक और चश्मदीद का कहना है कि उसने जलते हुए लोगों को गिरते देखा।

हेलिकॉप्टर क्रैश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 लोगों की मौत हो गई। CDS के साथ हेलिकॉप्टर में मध्यप्रदेश के सीहोर के जवान जितेंद्र वर्मा भी ड्यूटी पर थे। हादसे में उनकी भी मौत हो गई। जितेंद्र के निधन की खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया। उनकी मां को बेटे की मौत की खबर नहीं दी गई है, क्योंकि वह बीमार हैं।

बुधवार दोपहर 12:20 बजे हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। शाम तक गांव में यह खबर किसी को नहीं थी कि हादसे में जनरल रावत की सुरक्षा में तैनात सीहोर जिले के धामंदा गांव के 32 साल के नायक जितेन्द्र भी नहीं रहे। शाम 4 बजे जैसे ही सोशल मीडिया पर यह जानकारी आई। पूरे गांव में मातम सा छा गया।

हर कोई जितेंद्र के घर की ओर दौड़ा। जब यह पता चला कि जितेंद्र की मां काफी बीमार है, तो सबके पांव दरवाजे के बाहर ही रुक गए। देर शाम प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल भी गांव में पहुंचा गया था। वे भी जितेंद्र के घर के बाहर ही रुक गए। यहां जो भी आ रहा था, गांव के युवा उसे गांव की मेन गली पर ही रोक रहे थे, जिससे मां तक यह खबर नहीं पहुंचे कि अब उनका लाल नहीं रहा।

4 साल की बेटी, डेढ़ साल का बेटा है
ग्रामीणों ने बताया कि जितेन्द्र कुमार जनरल रावत के PFO थे। हादसे के वक्त भी वह उस हेलिकॉप्टर में सवार थे। जितेन्द्र के परिवार में पिता शिवराज वर्मा, मां धापी बाई के साथ ही उनके दो भाई, दो बहनें हैं। जितेंद्र की पत्नी और 4 साल की बेटी श्रीव्या के साथ डेढ़ साल का बेटा चैतन्य भी है। पिता किसान हैं।

गांव में पसरा मातम, दोस्त करते रहे याद
गांव में लोग अपने-अपने ढंग से गांव के सपूत को याद करते दिखाई दिए। उनके बचपन के दोस्त उनके साथ बिताए लम्हों को याद कर रहे थे, वे गलियों में घूमने से लेकर गांव के स्कूल जाने तक के पलों को याद कर भावुक हो रहे थे।

मां को नहीं बताया लाल नहीं रहा
जवान के शहीद होने की सूचना के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और रात को लगभग 8 बजे ग्राम धामंदा पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस को यह कहकर मना कर दिया कि जवान की मां काफी बीमार है, उन्हें अभी जानकारी नहीं दी जाए। अफसरों ने ग्रामीणों की बात मानते हुए जवान के घर से कुछ दूर स्थित एक जगह बैठकर जवान के बारे में जानकारियां ली। ग्रामीणों का कहना था कि ग्राम का श्मशान काफी छोटा है, इसलिए अंतिम संस्कार दशहरा मैदान पर होना चाहिए। जितेन्द्र के दोस्त राजेश वर्मा ने बताया कि ग्राम में शोक है।

ASP समीर यादव ने बताया कि जवान की मृत्यु की सूचना के बाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तत्काल ग्राम धामंदा पहुंच गए हैं। सूचना के बाद चूंकि ग्राम में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए हैं, इसलिए पर्याप्त पुलिस बल ग्राम में तैनात किया गया है। हेलिकॉप्टर क्रैश में सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बचे हैं। उनका शरीर इस हादसे में बुरी तरह झुलस गया है। वे वेलिंगटन के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती हैं। पिछले साल तेजस फाइटर जेट उड़ाते वक्त उन्हें बड़ी तकनीकी दिक्कत का सामना करना पड़ा था, पर उन्होंने साहस नहीं खोया और विमान को सुरक्षित लैंड कराया था। इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया था।

तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत नहीं रहे। उनके साथ पत्नी मधुलिका के अलावा सेना के 13 जवान और अधिकारी सवार थे। हादसे में मरने वालों में ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, विंग कमांडर पीएस चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर के सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी. साई तेजा, जूनियर वारंट ऑफिसर दास, जूनियर वारंट ऑफिसर ए प्रदीप और हवलदार सतपाल सवार थे। हेलिकॉप्टर क्रैश में अकेले बचने वाले शख्स हैं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह। । लेकिन क्या आपको पता है कि अपने डिसिजन पर टिके रहने की इसी खूबी ने उन्हें सेना का अधिकारी बनने के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में सीट दिलाई थी।

जनरल रावत ने NDA की सीट पाने की ये स्टोरी खुद ही स्टूडेंट्स के साथ एक कार्यक्रम में शेयर की थी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल रावत कुछ साल पहले भारतीय सेना में अधिकारी बनने के लिए तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को एक कार्यक्रम में संबोधित किया था। तब उन्होंने सभी के साथ यह स्टोरी शेयर की थी।

जनरल रावत ने स्टूडेंट्स को बताया था कि वे स्कूल में पासआउट होने के बाद NDA का लिखित एग्जाम भी पास कर चुके थे। यह एग्जाम कक्षा-12 के बाद खडगवासला में स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में एंट्री दिलाने के लिए होता है। जनरल रावत ने बताया था कि वे लिखित एग्जाम पास करने के बाद इंटरव्यू देने के लिए इलाहाबाद गए थे।

बिपिन रावत ने बताया था कि इलाहाबाद में सर्विस सलेक्शन बोर्ड (SSB) में इंटरव्यू होना था, जो ब्रिगेडियर लेवल के अधिकारी लेते हैं। इंटरव्यू से पहले 4-5 दिन तक सख्त ट्रेनिंग और फिजिकल टेस्टिंग होती है। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग के बाद जब इंटरव्यू की बारी आई तो हम सभी को 1-1 कर कमरे में बुलाया जा रहा था। जनरल रावत ने कहा, मेरी बारी आई तो मैं सामने ब्रिगेडियर रैंक के ऑफिसर को देखकर वैसे ही नर्वस हो गया, जैसे, कोई नया लड़का हो जाता है। इंटरव्यू में पहले सामान्य सवाल पूछे गए और फिर पूछा कि आपकी हॉबी क्या है। मैंने कहा कि ट्रैकिंग करना बेहद पसंद है। जनरल रावत ने कहा कि इसके बाद इंटरव्यू का सबसे कठिन सवाल पूछा गया। ब्रिगेडियर ने पूछा कि यदि आपको ट्रैकिंग पर जाना हो, जो कि चार से पांच दिन चलने वाली हो, तो आप एक सबसे महत्वपूर्ण सामान का नाम बताइए जो आप अपने पास रखना चाहेंगे ?

जनरल रावत ने माचिस की डिब्बी को बताया सबसे अहम सामान
जनरल रावत ने NDA में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि ऐसी परिस्थिति में वे अपने पास माचिस की डिब्बी रखना चाहेंगे। ब्रिगेडियर ने कई अन्य सामान रखने का जवाब चुनने के लिए दबाव बनाया लेकिन रावत ने अपने डिसिजन नहीं बदला। तब उनसे पूछा गया कि आखिर माचिस ही क्यों चुनी?

तब बिपिन रावत ने कहा, माचिस की डिब्बी से मैं ट्रैकिंग के दौरान कई काम कर सकता हूं। मानव आदिम युग से आगे बढ़ा तो उसने भी आग की खोज को ही सबसे बड़ी कामयाबी माना। इसलिए मैंने महसूस किया कि माचिस की डिब्बी मेरे ट्रैकिंग गियर की सबसे अहम चीज हो सकती है। जनरल रावत के इसी जवाब ने ब्रिगेडियर को उन्हें NDA स्टूडेंट के तौर पर चुनने के लिए मजबूर कर दिया।

छह मौके, जब नहीं बदला जनरल रावत ने फैसला

  • 1987 में चीन के साथ अरुणाचल प्रदेश में सीमा पर गतिरोध में डटे रहे अपनी बटालियन लेकर
  • 2008 में रिपब्लिक ऑफ कांगो में कठोर कार्रवाई से यूएन पीसकीपिंग मिशन को सफल बनाना
  • 2015 में नार्थ-ईस्ट स्टेट्स में म्यांमार में छिपने वाले आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय
  • 2016 में उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कराने के निर्णय में अहम भूमिका
  • 2017 में भूटान सीमा पर दोकलां में 73 दिन तक भारतीय सेना से चीन को चुनौती दिलाना
  • 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवां घाटी में चीन के हमले के बाद सीमा पर लगातार उसे चुनौती देना