भारत के टीनएजर्स को टीका लगना शुरू

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डॉक्टर संजय गुप्ता

आज से भारत के टीनएजर्स को टीका लगना शुरू हो गया । देर आयद पर दुरुस्त आयद । और यह ठीक उस समय शुरू हुआ है जब कॅरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है और पूरी आशंका है कि कुछ ही समय में यह घर मे घुस कर नंगा नाच करेगा । तकनीकी हलकों में आवाज़ उठ रही है कि जीनोम सिक्वेंसिंग तो कराओ । भैया वेरियंट कोई भी हो चाहे ओमी क्रोन हो या डेल्टा जो भी , उसको तो क्लीनिकल जजमेंट के हिसाब से ही ट्रीटमेंट किया जाएगा, दुश्मन तो दुश्मन ही है उसकी सेना ने कौन से कलर की ड्रेस पहन ली है इससे क्या फर्क पड़ता है ? खबरें आ रही हैं कि ओमिक्रोन वेरिएंट डेल्टा के मुकाबले कम खतरनाक है पर भाई साहब मीनू कार्ड में नई डिश का नाम देखकर कोई बता सकता है कि इसका टेस्ट कैसा होगा?? इसलिए कोई कयास लगाना ठीक नहीं होगा.. चलिए डिश तो आ ही रही है टेस्ट भी पता चल जाएगा। अभी एकता कपूर से लेकर प्रेम चोपड़ा तक सब पॉजिटिव हो चुके हैं। अखिलेश यादव के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा भी मैदान छोड़ क्वारेन्टीन हो चुकी है सुना है उनका भी कोई स्टाफ पॉजिटिव हो गया। ओमी क्रोन की इनफेक्टिविटी डेल्टा के मुकाबले कई गुना ज्यादा है और यह तय है कि इस बार का इन्फेक्शन सब से हाथ मिला कर ही जाएगा । भारत के वीर नागरिक जिस तरह सीना चौड़ा करके खुलेआम घूम रहे हैं, कोरोना उनकी चुनौती को सामना करने के लिए और उन सब को गले लगाने के लिए कृत संकल्पित है ।
एक बात तो तय है कि ओमीक्रौन वैक्सीन को भी धोखा देता है लेकिन यह भी सच है कि जिन लोगों को वैक्सीन लगी है उन्हें ओमिक्रोन के सिम्टम्स ज्यादा नहीं है ।
दूसरा ओमी क्रोन की इनफेक्टिविटी डेल्टा के मुकाबले 3 से 4 गुना ज्यादा है इसलिए इस के फैलते बिल्कुल भी देर नहीं लगेगी । नंबर ऑफ़ केसेस बढ़ेंगे हो सकता है कि सिर्फ नंबर ऑफ़ केसेस बढ़ने की वजह से अस्पतालों के बेड्स की फिर से वही मारामारी मच जाए ।
पीक कब आएगा यह भी तय नहीं हो पाया है पर जनवरी लास्ट या फरवरी के प्रथम व दूसरे सप्ताह को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अभी तक वैसे जितने सारी न्यूज़ आ रही है उसके हिसाब से क्लोज स्पेसेस में खतरा ज्यादा नज़र आ रहा है , इसमें क्लासरूम्स में (आईआईटी खड़गपुर), डॉक्टर्स की मीटिंग में (जैसा पटना में हुआ ) आश्रम में (ठाणे केसेज)थोक के भाव में केसेज डिवेलप हो रहे हैं। मुझे लगता है इस बार बचाव के लिए डिस्टेंसिंग से अच्छा कोई दूसरा रास्ता नहीं है । कौन कब कहां किस को कोरोना भेंट करेगा नहीं पता? ए भाई जरा देखकर चलो आगे भी नहीं पीछे भी ऊपर ही नहीं नीचे भी। इधर चुनाव भी सर पर खड़े हैं एक बात तो सिद्ध हो चुकी है कि कोरोना चुनाव से डरता है और रैलियों से भागता है । पर यह लिमिटेड एडिशन है ओमिक्रोन क्या करेगा नहीं पता । फिर पार्टी कोई भी हो , सब मौका खोने से डरते हैं , इसलिए चुनाव पोस्टपोन करना किसी के एजेंडे में नहीं । पर देखना यह हैं कि कौन किस पर भारी पड़ता है? भारत भारत ही है एकदम एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी। फिर जैसा दूसरी लहर में हुआ था , सारे कयास सारे अनुमान गलत साबित हुए। ईश्वर करें तीसरी लहर अब तक के अनुमानों को सच साबित करती हुई सबको प्राकृतिक वैक्सीन लगाते हुए खत्म हो जाए, और इस बार करोना का फुल एंड फाइनल हो जाए। पता नहीं चैन की सांस कब तक ले पाएंगे?