TIO NEW DELHI
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का एलान होना शुरू हो गया है। राजनीतिक उठापठक के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। इन सबके साथ राजनीतिक नेताओं की बयानबाजी और गुटबाजी भी अब सामने आने लगी है। खुद के चुनाव नहीं लड़ने पर मायावती ने कहा कि कांशीराम जब तक पार्टी का काम संभाल रहे थे तब मैंने चार बार लोकसभा और दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा। तीन बार राज्यसभा और दो बार विधान परिषद की सदस्य रही। अब मेरी ऊपर पूरी पार्टी की जिम्मेदारी है।
इस वजह से मैंने सीधे चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया और पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने का काम कर रही हूं। मायावती ने कहा कि हमें उम्मीद है कि बसपा सरकार बनाएगी। बसपा गरीब, पिछड़ों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हम हर वर्ग की भलाई के लिए काम करेंगे। अपने जन्मदिन पर मायावती ने कहा कि अगर 2007 की तरह इस बार भी हमारी सरकार बनती है तो यही मेरे जन्मदिन का सबसे अनमोल तोहफा होगा। चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि अखिलेश सामाजिक न्याय का मतलब नहीं समझते हैं। वो दलितों के हितों पर बात नहीं करना चाहते हैं।
मैं चाहता था कि भाजपा को सत्ता से रोकने के लिए एक बड़ा गठबंधन बन जाए, लेकिन हमारे अधिकारों के सवाल पर अखिलेश चुप हैं। हम अपने दम पर लड़ेंगे। हमारी कोशिश होगी बिखरा विपक्ष एकजुट हो जाए। मैंने सबसे पहले मायावती के साथ गठबंधन का प्रयास किया। आजाद पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बहुजन समाज के लोगों का अपमान किया है।