गरीबों के लिए 80 लाख घर, युवाओं के लिए 60 लाख रोजगार; 2 नई बातें- चिप वाले ई पासपोर्ट और डाकघर में ATM

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TIO NEW DELHI

बजट 2022: वित्त मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण पेश कर रही हैं चौथा बजट। इस बार सरकार के सामने चुनौतियां कई हैं। महंगाई ने किचन का जायका बिगाड़ा हुआ है। बेरोजगारी से युवा खफा हैं। विनिवेश और निर्यात बढ़ाने पर भी सरकार का फोकस है। टैक्स स्लैब को लेकर भी लोग राहत की उम्मीद कर रहे हैं। चुनौतियां कई हैं और उनसे निपटना सरकार के लिए जरूरी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम गति शक्ति से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। 100 साल के लिए ढांचागत सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। कोरोना संकट के बीच हमारे टीकाकरण अभियान की गति ने बहुत मदद की है। मुझे विश्वास है कि ‘सबका प्रयास’ के साथ हम मजबूत विकास आगे भी जारी रखेंगे। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि भारत की विकास दर 9.27 फीसदी रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा की यह विकास दर बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है। संसद में मंगलवार, एक फरवरी, 2022 को आगामी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा जगत, रोजगार, कौशल विकास और उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए कई बड़ी एवं अहम घोषणाएं कीं। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट घोषणा में 60 लाख नई नौकरियां देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी। वहीं, मेक इन इंडिया के तहत 60 लाख नौकरियां आएंगी।

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र्मला सीतारमण- हमारी प्राथमिकताएं हैं- पीएम गति शक्ति, समावेशी विकास, उत्पादकता वृद्धि और निवेश, सनराइज अपॉर्च्युनिटी, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु पर कदम और निवेश का वित्तपोषण।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण- अगले 3 वर्षों के दौरान बेहतर दक्षता वाली 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें लाई जाएंगी। अगले 3 वर्षों के दौरान 100 PM गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे और मेट्रो सिस्टम के निर्माण के लिए नवीन तरीकों का कार्यान्वयन होगा।

रोजगार और गरीबों के लिए ऐलान: PM गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत एक्सप्रेसवे बनेंगे। नेशनल हाईवे नेटवर्क 25 हजार किमी तक बढ़ाया जाएगा। इस मिशन के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। हमारी कोशिश 60 लाख नए रोजगार का सृजन करने की होगी। गरीबों के लिए 80 लाख घर बनाए जाएंगे। 48000 करोड़ रुपए इसका बजट है। 2022-23 में ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे, जिनमें चिप लगी होगी। विदेश जाने वालों को सहूलियत होगी।

MSME को 6 हजार करोड़: MSME को मजबूत करने के लिए नई योजनाएं शुरू होंगी। 5 साल में 6000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। उदयम, ई-श्रम, NCS और असीम पोर्टल आपस में जुड़ेंगे। इससे इनकी संभावनाएं और ज्यादा बढ़ेंगी। अब ये लाइव ऑर्गेनिक डेटाबेस के साथ काम करने वाले प्लेटफॉर्म होंगे। इनसे क्रेडिट सुविधाएं मिलेंगी और आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए संभावनाएं बनेंगी।

पीएम ई-विद्या प्रोग्राम का दायरा बढ़ा: महामारी के दौरान स्कूल बंद रहने से गांव के बच्चों को दो साल शिक्षा से वंचित रहना पड़ा। पीएम ई-विद्या के तहत ऐसे बच्चों के लिए एक क्लास-एक टीवी चैनल प्रोग्राम के तहत अब चैनल 12 से बढ़ाकर 200 कर दिए जाएंगे। ये चैनल क्षेत्रीय भाषाओं में होंगे। व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तकनीक की मदद ली जाएगी। एक डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी।



अमृत काल का बजट: सबसे पहले मैं उन लोगों के लिए संवेदना जाहिर करती हूं, जिन्होंने कोविड महामारी में परेशानी झेली। हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और यह अमृतकाल का बजट है, जो अगले 25 साल की बुनियाद रखेगा। आजादी के 75 साल से 100 साल तक का ब्लू प्रिंट पेश कर रही हूं।

बाजार हुआ गुलजार: मंगलवार सुबह शेयर बाजार में जोरदार उछाल देखने को मिला है। सेंसेक्स में 650 अंक का उछाल आया, तो निफ्टी भी 180 अंक की मजबूती के साथ 17475 पर पहुंच गया।

कॉमर्शियल सिलेंडर की कीमत घटी: 19 किलो वाले कॉमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमत में 91.50 रुपए की कटौती की गई है। दिल्ली में अब यह 1907 रुपए का मिलेगा। नई कीमत आज से ही लागू हो गई है।

विमानों के ईंधन के दाम में रिकॉर्ड बढ़ोतरी: बजट से पहले एविएशन टर्बाइन फ्यूल यानी विमानों के ईंधन के दाम में रिकॉर्ड 8.5% की बढ़ोतरी हुई है। ईंधन के दाम बढ़ने पर हवाई किराया भी बढ़ सकता है।

400 नई पीढ़ी की वंदेमातरम ट्रेनें चलेंगी: 400 नई जनरेशन की वंदेभारत ट्रेनें अगले 3 साल के दौरान चलाई जाएंगी। 100 प्रधानमंत्री गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल भी इस दौरान डेवलप किए जाएंगे। मेट्रो सिस्टम को डेवलप करने के लिए इनोवेटिव रास्ते अपनाए जाएंगे।

गंगा किनारे अब ऑर्गेनिक खेती: MSP का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा। गंगा के किनारों के 5 किमी. के दायरे में आने वाली जमीन पर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। खेती की जमीन के दस्तावेजों का डिजिटलीकरण होगा। राज्यों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सिलेबस बदलने को कहा जाएगा, ताकि खेती की लागत को कम किया जा सके। फलों और सब्जियों की उन्नत किस्म अपनाने वाले किसानों की मदद के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे किसानों को डिजिटल सर्विस मिलेगी, जिसमें दस्तावेज, खाद, बीज, दवाई से संबंधित सेवाएं शामिल हैं।

सरकार ने आम आदमी को इस बार भी इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी है। अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। यानी इनकम टैक्स की जो व्यवस्था अभी बनी हुई, आगे भी आपको उसी हिसाब से टैक्स देना होगा। हालांकि टैक्स ट्रांजैक्शन व्यवस्था में सुधार किया गया है। इसके तहत अब आपको दो साल पुराने अपने इनकम टैक्स रिटर्न को अपडेट करने की सुविधा मिलेगी।

अब भी 2.5 लाख से ज्यादा इनकम पर टैक्स
इस बार टैक्स ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2.5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। अगर आपकी इनकम 2.5 से 5 लाख के बीच है तो आपको 5 लाख – 2.5 लाख = 2.5 लाख रुपए पर 5% टैक्स देना होगा। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A का फायदा उठाकर आप अब भी 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा सकेंगे।

आपको बता दें कि सरकार 2.5 लाख से 5 लाख तक की कमाई पर 5% की दर से इनकम टैक्स तो वसूलती है, पर इस टैक्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत माफ कर देती है। मतलब यह कि अगर किसी की सालाना टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपए तक है, तो उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होता है, लेकिन अगर आपकी कमाई 5 लाख 10 हजार रुपए हुई तो आपको 10 हजार रुपए पर टैक्स देने के बजाय 5.10 लाख – 2.5 लाख = 2.60 लाख पर टैक्स देना होता है।

अमृतकाल चल रहा है, 25 साल तक चलेगा, बस सवाल मत करिए

शशी कुमार केसवानी
62 साल की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लगातार चौथी बार आम बजट पेश किया। दूसरी बार यह पेपर लेस बजट था। उन्होंने टैबलेट के जरिए 90 मिनट तक बजट की एक-एक बात रखी। पिछली बार तो हलवा पार्टी करके बजट का रायता फैला दिया था पर इस बार तो बजट का पूरा ही मुंडन कर दिया है। मझे समझ नहीं आ रहा है कि जिस देश में 80 प्रतिशत लोग फ्री राशन पर सरकार पर निर्भर हो उस देश में अमृतकाल कैसे आ सकता है तो अब क्या लोग घरों ेमें अगरबत्ती, धूपबत्ती जलाते रहे या हवन ही करते रहे और बेरोजगार बराबर बने रहे। टैक्स पर कोई चर्चा ही नहीं की। जबकि हमेशा बजट में टैक्स पर पहले बात की जाती थी आम आदमी टैक्स में जरूर कुछ राहत चाहता है लेकिन इस बजट में राहत तो कुछ भी नहीं है और टैक्स वालों के ऊपर भार ही लाद दिया गया है और टैक्स वालों से वसूली बढ़ाई गई है। इसी तरह से कृषि पर कोई चर्चा ही नहीं हुई है जबकि भारत कृषि प्रधान देश होने के कारण कृषि पर बड़ी चीजें बजट में हुआ करती थी। इससे तो यह साबित हो रहा है कि सरकार के पास कोई ठोस योजनाएं नहीं है, जिसके कारण इस तरीके का खोखला बजट पेश किया गया। पहले तो यह समझने में समय लग गया कि यह कथा सुन रहे है या बजट भाषण सुन रहे है। जिस तरह से इस बजट को पांच वर्ष से लेकर 25 वर्ष तक का बजट बनाकर पेश किया गया है इससे यह साबित होता है जिस तरह से रेल बजट को खत्म कर दिया गया उस तरह से बजट खत्म कर दिया अब बजट में केवल रेल के नाम पर दो लाइनें ही होती है कि रेलवे पीपीपी मॉडल से तरक्की कर रहा है तो क्या माने कि आम बजट भी अब एक कोरा कागज ही बनकर रहेगा। पिछले बजटों में जिस तरह से स्मार्ट सिटी की चर्चा थी। पांच लाख तालाब बनने थे ऐसी ही अनेक योजनाएं थी वो बजट से सब गुम है। बुलेट ट्रेन का कोई जिक्र ही नहीं है। अब सब लोग वंदे मातरम में ही सफर करे। बजट में जिस तरह से ई विद्या पर जोर दिया है चलो सरकार को पढ़ाई याद तो आई पर जिस देश में लोग आयुष्मान कार्ड पर आधारित हो जिसका मतलब है जिनके पास अपना घर न हो, घर में टीवी फ्रिज न हो, सुख साधन का कोई सामान न हो वो लोग ई-पढ़ाई कैसे करेंगे। यह सरकार की मंशा है स्कूलों, कॉलेजों को पूरी तरह से बंद ही कर दिया जाए। जिस तरह से अन ब्रांडेड पेट्रोल पर दो रुपए एक्साइज बढ़ा दी गई है ये मानकर चलिए आपकी जेब से पेट्रोल में अब पैसे ज्यादा ही लिए जाएंगे। पुराने डब्बे पर नया रेपर लगाकर पोस्ट आॅफिस में एटीएम लगाएं जाएंगे यह घोषणा 2015 के बजट में भी की गई थी मेरे को समझ में नहीं आ रहा कि इस बजट में आम जनता के लिए क्या है। पहले बजट में सालभर का लेखा जोखा होता था। उसमें बताया जाता था कि कहां से पैसा आएगा कहा से पैसा खर्च करेंगे। पुराने बजट में जो वादे होते थे उनका भी जिक्र किया जाता था किए गए कामों की गिनती भी की जाती थी पर इस बार के बजट में वित्तमंत्री ने जिस तरह से बजट का मुंडन किया है इससे कई सालों तक क्या देश टकला ही रहेगा। जय हो…