सदस्यों की बाड़ेबंदी- अज्ञातवास होगा खत्म

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TIO BHOPAL

मध्यप्रदेश में नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों का अज्ञातवास शुक्रवार को खत्म हो जाएगा। 51 जिला पंचायत अध्यक्षों और उपाध्यक्षों का फैसला शुक्रवार दोपहर तक हो जाएगा। चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिलाें में सरकार बनाने के लिए भाजपा-कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने सदस्यों की बाड़ेबंदी कराई है। कई जिलों में बहुमत का आंकड़ा छूने वाले संभावित अध्यक्ष, सदस्यों की भोपाल में सीएम से मुलाकात भी करा चुके हैं। सीधी जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव फिलहाल नहीं हो रहा है। इनका मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

उमा की बहू और पूर्व मंत्री की पत्नी के बीच मुकाबला

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की बहू उमिता-राहुल सिंह लोधी टीकमगढ़ से जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के प्रयास में हैं। उमिता के पति और उमा के भतीजे राहुल सिंह लोधी खरगापुर से बीजेपी विधायक हैं। राहुल लोधी के मुताबिक उमिता को आठ अन्य जिला पंचायत सदस्यों ने समर्थन दिया है। इनमें भक्ति तिवारी, मोहनी भक्ति तिवारी, छत्रपाल सिंह (छोटू राजा), संजू सुमन यादव, प्रतिभा ब्रजेंद्र यादव, अंजना मनोज जैन, अनिल प्रताप सिंह और पुन्नी परिक्षित कुशवाहा शामिल हैं। उमा की बहू उमिता के अलावा एक और भतीजे अनिल लोधी भी जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते हैं।

उमिता का मुकाबला पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता यादवेन्द्र सिंह की पत्नी सुषमा सिंह से होगा। यादवेन्द्र पर हाल ही नगर पालिका चुनाव की वोटिंग के दिन विधायक राकेश गिरि से विवाद हुआ था। मामले में पुलिस ने यादवेन्द्र सिंह पर मामला दर्ज किया है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई में टीकमगढ़ में कांग्रेस प्रदर्शन भी कर चुकी है। टीकमगढ़ में जिला पंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी का फैसला दोपहर तक हो जाएगा।

पुलिस ने किया जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण

चंबल की घाटी में खूंखार डकैतों द्वारा अपहरण के किस्से बहुत सुने होंगे, लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा किसी जनप्रतिनिधि का अपहरण करने का मामला पहली बार सुना होगा और अजीब भी लगा होगा। लेकिन कुछ ऐसा ही आरोप पुलिस पर लगा हैं। आरोप है कि श्योपुर जिले के जिला पंचायत सदस्य मुरैना के कैलारस से गायब हो गए है। कांग्रेसी नेताओं ने पुलिसकर्मियों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए गुरूवार रात मुरैना एसपी कार्यालय के बाहर धरना दिया और प्रदर्शन किया। साथ ही पुलिसकर्मियां के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य का अपहरण कर नकाबपोशों को सौंपा है। एसपी ऑफिस पर धरना-प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 5 विधायक और एक पूर्व मंत्री समेत 31 कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर बाद में जमानत पर छोड़ दिया है।

बता दें कि, जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव के बाद अब  जिला अध्यक्ष पद के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियां अपने-अपने समर्थकों के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। जिला अध्य्क्ष के लिए  सदस्यों के माध्यम से निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न होनी है। लेकिन चुनाव से ठीक एक दिन पहले गुरुवार को श्योपुर जिले से जिला पंचायत सदस्य संदीप शाक्य और गिरधारीलाल बैरवा मुरैना के कैलारस कस्बे से अचानक गायब हो गए है। जिला पंचायत सदस्यों के गायब होने पर कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रामनिवास रावत, विधायक राकेश मावई, बैजनाथ कुशवाह, रविन्द्र सिंह तोमर, अजब सिंह कुशवाह और ग्वालियर विधायक संतीश सिंह सिकरवार एसपी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए है। 

कांग्रेस नेताआें का आरोप है कि संदीप शाक्य को कैलारस थाना पुलिस और गिरधारीलाल को चिन्नोनी थाना पुलिस ने पकडककर नकाबपोशों के हवाले कर दिया है।  विरोध में कांग्रेसियों ने एसपी कार्यालय के बाहर करीब दो घंटे तक धरना.प्रदर्शन किया। उसके बाद पुलिस ने धरना प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया और सभी कांग्रेसियों को पुलिस वैन में पुलिस लाईन भेज दिया। जहां पर जमानत-मुचलके पर उन्हें छोड़ दिया गया ।

इन जिलों पर सभी की निगाहें

राजधानी भोपाल के अलावा, सीएम के गृह जिले सीहोर, कमलनाथ के छिंदवाड़ा, दिग्विजय सिंह के गुना, राजगढ़, नेता प्रतिपक्ष के जिले भिंड में अध्यक्ष के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हैं। सीहोर के सदस्यों को भोपाल के खजूरी थाने की पुलिस ले आई। कई जिलों में सदस्यों के गायब होने और अपहरण की शिकायतें भी पुलिस के पास पहुंची हैं।