सीएम ने छिंदवाड़ा में जिस CMHO को मंच से किया निलंबित, उसे हाईकोर्ट से मिला स्टे

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TIO छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा में जन सेवा अभियान और हितग्राही सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस स्वास्थ्य अधिकारी को आयुष्मान कार्ड में लापरवाही बरतने के चलते दो बार मंच से सस्पेंड किया था, उसके सस्पेंशन पर बुधवार को हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। यह ऐसा दूसरा मौका है, जब सीएमएचओ ने दोबारा अपने सस्पेंशन आर्डर पर स्टे पा लिया है। दरअसल हिंदी फिल्म नायक की तरह फैसल ऑन द स्पॉट करते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छिंदवाड़ा में सीएमएचओ डॉ. गिरीश चंद्र चौरसिया को मंच पर बुलाकर आयुष्मान कार्ड बनाने में हो रही देरी पर सवाल पूछा था, जिसके बाद वह जब जवाब नहीं दे पाए तो तत्काल उन्हे मंच से हटाने का निर्देश कलेक्टर को देते हुए सीएम ने यह कहा था कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, लेकिन पहली दफा हुए सस्पेंशन के ऑर्डर के खिलाफ सीएमएचओ हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गए थे, वहीं दोबारा सीएम जब हितग्राही सम्मेलन में छिंदवाड़ा पहुंचे तो उन्हें जैसे ही सीएमएचओ के दोबारा पदभार संभालने की जानकारी लगी तो उन्होंने इन्हें फिर से हटाने के निर्देश मंच पर दे दिए। जिसके खिलाफ दोबारा डॉ. गिरीश स्टे लेकर आ गए।

सीएम के फैसले पर हाईकोर्ट की रोक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएमएचओ डॉ. गिरीश चौरसिया को पहली बार 23 सितंबर को सौंसर में आयोजित जनसेवा शिविर में मंच पर सस्पेंड करने के आदेश दिए, जिसके खिलाफ वह हाईकोर्ट गए थे, यहां हाईकोर्ट ने उन्हे स्टे देकर निलंबन के आदेश को रद्द कर दिया था, वहीं दूसरी बार जब दोबारा मुख्यमंत्री 9 दिसंबर को छिंदवाड़ा पहुंचे तो उन्होंने सीएमएचओ को तत्काल पद से हटाने के आदेश दे दिए, जिसके चलते एक बार फिर डॉ. गिरीश ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाईकोर्ट ने सस्पेंशन को निरस्त करते हुए प्रदेश सरकार समेत नौ लोगों को नोटिस जारी किया है।