इंदौर के प्रवासी सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री, यहां का खानपान दुनियाभर में लोकप्रिय
शशी कुमार केसवानी की रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत की सुनती है। भारत में स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य है, यह दुनिया के विकास का इंजन बन सकता है। आज भारत के पास सक्षम युवाओं की एक बड़ी तादाद है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, वैल्यूस भी हैं। काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है। इस साल भारत दुनिया के जी-20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। हमारे लिए यह दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है। हमें जी-20 केवल एक डिप्लोमेटिक इवेंट नहीं, बल्कि जनभागीदारी का आयोजन बनाना है। मोदी आज इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दूसरे दिन शामिल हुए। पीएम ने कहा कि इंदौर दुनिया में लाजवाब है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है।
ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में मोदी जब मंच पर पहुंचे, तो हॉल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा। प्रधानमंत्री ने कहा, अपनों से आमने-सामने की मुलाकात, बात का अलग आनंद और महत्व होता है। उन्होंने ठफक को कहा कि टढ में मां नर्मदा का जल, जंगल, आदिवासी परंपरा और यहां बहुत कुछ है, जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। उज्जैन में भी भव्य महाकाल लोक का विस्तार हुआ है। आप सभी वहां जाएं और महाकाल का आशीर्वाद लें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आजादी के अमृत काल में मुझे ऐसा लग रहा है कि मध्यप्रदेश में अमृत वर्षा हो रही है। इंदौर ने अपने दिल के दरवाजे भी खोले हैं और अपने घरों के दरवाजे भी खोले हैं। प्रधानमंत्री के एक-एक मंत्र को मध्यप्रदेश ने साकार करने की कोशिश की है। आज भारत दुनिया को शांति और प्रेम का संदेश दे रहा है। पश्चिमी देश और रूस से अगर कोई कह सकता है तो वे केवल नरेंद्र मोदी जी हैं, जिन्होंने कहा कि युद्ध नहीं, शांति चाहिए। सीएम ने कहा- भारत में दो नरेन्द्र हुए हैं… 100 साल पहले एक नरेंद्र स्वामी विवेकानंद जी थे जिन्होंने भारत को विश्व गुरु बताया था। आज दूसरे नरेंद्र के नेतृत्व में ये कार्य हो रहा है। विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। माफी चाहता हूं, हॉल छोटा पड़ गया, लेकिन दिल में जगह की कमी नहीं है।
सुरीनाम के राष्ट्रपति बोले, हमारे देश में हम हिंदी लैंग्वेज ट्रेनिंग पर काम कर रहे:
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने अपनी स्पीच की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रणाम कर की। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री आपको हृदय से मेरा नमस्कार और प्रणाम। हम अपने देश में हिंदी लैंग्वेज, यहां के कल्चर, आयुर्वेद पर ट्रेनिंग सेंटर बनाने पर काम कर रहे हैं। हिंदी लैंग्वेज के स्कूलों पर भी हमारा फोकस है। ये एक मेमोरेबल पल है। जननी और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है। सूरीनाम की जनता की ओर से मैं मध्यप्रदेश और भारत सरकार का आभार प्रकट करता हूं, जो आदर-सत्कार मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को मिला है। यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
गुयाना के राष्ट्रपति मोदी से बोले, हमारे बीच दूरियां, लेकिन दिल-आत्माएं जुड़ी हैं: गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। खासकर वैक्सीनेशन की। उन्होंने मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को भी सराहा। उन्होंने कहा कि इसके बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि इंडिया का फ्रीडम स्ट्रगल दूसरे देशों के लिए इंस्पायरिंग है। मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। 107 साल पहले शारीरिक रूप से कमजोर दिखने वाले, लेकिन मानसिक रूप से दृढ़ गांधी घर लौटे थे। उन्होंने देश को आजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत प्रतिभाओं को निखारने में दुनिया में नंबर एक है। हम प्रवासियों के लिए भारत के चलाए जा रहे कार्यक्रमों से काफी कुछ सीख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि हमारे बीच दूरियां बहुत हैं, लेकिन दिल और आत्माएं जुड़ी हुई हैं। मैं यहां भारतीयों के मिले प्रेम का आभारी हूं। गुयाना के लोगों का प्यार और सपोर्ट आपके साथ है।