उज्जैन जेल अधीक्षक रही उषाराज आखिर कैसे बनी करोड़पति

0
164

उज्जैन। उज्जैन जेल अधीक्षक रही उषाराज आखिर कैसे करोड़पति बन गई? क्या उसने जेल कर्मचारियों के जीपीएफ घोटाले की कमाई को सोने-चांदी, मकान-प्लाट के अलावा किसी और जगह भी इनवेस्ट किया है? लॉकर से मिले खजाने के बाद यह सवाल अब और ज्यादा उठ रहे हैं। पुलिस को लॉकर के अलावा अब उषाराज के अन्य इनवेस्टमेंट का पता लगाने के लिए और ज्यादा मेहनत-मशक्कत करना होगी। पढ़िये करोड़पति बनी उषाराज के लॉकर का राज।

मध्य प्रदेश की जेल के कर्मचारियों के जीपीएफ खातों से लाखों रुपए निकाले जाने के मामले में मुख्य आरोपी तत्कालीन जेल अधीक्षक उषाराज ढाई दशक की नौकरी में करोड़पति बन गई है। इसके राज का खुलासा उसके बैंक लॉकर ने किया है। पुलिस ने जब बैंक लॉकर खोले तो उसमें से सोने की तीन ईंटें निकली। यह तीन किलो 718 ग्राम वजन की थीं। इसके अलावा तीन किलो 144 ग्राम के चांदी के जेवर और बर्तन भी लॉकर में रखे गए थे। सोने और चांदी के इन सामान की कीमत अभी करीब ढाई करोड़ मानी जा रही है।
चार प्लॉट-फ्लेट बुकिंग के दस्तावेज
अब सवाल यह खड़ा हुआ है कि जेल अधीक्षक उषाराज के पास आखिर कहां से पैसा आ रहा था कि उसने न केवल सोने की ईंटें खरीदीं बल्कि एक-दो नहीं चार प्लाट भी खरीद लिए। भोपाल में भी एक फ्लेट की बुकिंग के लिए जो राशि दी, उसकी रसीद भी लॉकर मिली है। गौरतलब है कि उषाराज घोटाले के उजागर होने के पहले किया कंपनी की लक्जिरीयस गाड़ी की खरीदी भी करने का सोच रही थी लेकिन मनपंसद मॉडल नहीं मिलने से पर यह विचार त्याग दिया था।