नई दिल्ली। साउथ चाइना सी में भारत अपने कदम मजबूत करने की कोशिश में लगा है, लेकिन मालदीव की तरफ से लगातार झटके मिल रहे हैं। हिन्द महासागर द्वीप समूह वाले देशों में एक समय भारत की रणनीतिक भागीदारी पूरी तरह से सही थी। मालदीव की अब्दुल्ला यामीन सरकार भारत के लिए एक के बाद एक मुश्किल हालात बना रही है। यामीन सरकार ने दूसरे तोहफे के तौर पर मालदीव को दिए समुद्री हेलिकॉप्टर एएलएच ध्रुव को लामू अटोल से हटाने के लिए कहा है।
Maldives’s Yemen government asked to remove helicopter from Lama Atoll, the difficult situation India has made
इस चॉपर के लेटर आॅफ एक्सचेंज की समय सीमा पिछले महीने ही समाप्त हो गई है। मालदीव ने न सिर्फ इसे फिर से रिन्यू करने से इनकार कर दिया है बल्कि यहां से अपने दोनों हेलिकॉप्टर हटाने के लिए भी भारत को कहा है। जून के आखिरी तक मालदीव ने भारत को दोनों हेलिकॉप्टर हटाने के लिए कहा है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स आॅफ इंडिया ने 5 अप्रैल को ही खबर प्रकाशित की थी कि मालदीव भारत से (अडू) अपना एक हेलिकॉप्टर हटाने के लिए कह सकता है।
उस वक्त मालदीव की तरफ से जारी प्रतिक्रिया में कहा गया था कि भारत को अपने दूसरे हेलिकॉप्टर (लामू अटोल से) को हटाने के लिए नहीं कहेगा। बता दें कि भारत सरकार ने मालदीव को तोहफे में 2 एएलएच हेलिकॉप्टर दिए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, मालदीव की यामीन सरकार हेलिकॉप्टर के रख-रखाव के लिए मौजूद भारतीय नौसेना के अधिकारियों से नाखुश है। अधिकारियों की मौजूदगी की वजह से ही मालदीव ने भारत से चॉपरों को हटाने के लिए कहा है।
बता दें कि भारत ने 6 पायलट और दर्जनों स्टाफ को 2 एएलएच हेलिकॉप्टर की देखभाल और मालदीव की राष्ट्रीय सुरक्षा फोर्स की मदद के लिए तैनात कर रखा है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स आॅफ इंडिया ने जब भारत में मौजूद मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि माले में एक पुलिस अकैडमी का निर्माण भारत सरकार के सहयोग से हो रहा है। अब इस पुलिस अकैडमी निर्माण का काम भी रुक गया है क्योंकि इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने निर्माण कार्य के लिए आनेवाले भारतीयों को देखते हुए इस पर रोक लगा दी है। बता दें कि निर्माण कार्य के दौरान भारतीय अधिकारियों का होना आवश्यक है। लामू तट की लोकेशन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसी खबरें हैं कि चीन उसके पास ही एक समुद्री पोर्ट का निर्माण कर रहा है। चीन ने पहले भी मालदीव के तटों पर बंदरगाह बनाने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।