इस्लामाबाद। नेताओं की सुरक्षा में होने वाले बड़े खर्च को देखते हुए पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राजनेताओं से कहा है कि वे अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद कर लें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे देश के पैसों पर चुनावी अभियान करने की इजाजत नहीं दे सकता। बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं।
Politicians advise Pak Supreme Court: Raise your entire expenditure during election campaign
‘डॉन न्यूज’ के मुताबिक, स्वत: संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संघीय और प्रांतीय मंत्री और सरकारी अधिकारियों द्वारा आलीशान गाड़ियों के इस्तेमाल के मुद्दे को लेकर यह टिप्पणी दी। कानून के मुताबिक मंत्री या अधिकारी 1800 सीसी से ज्यादा के वाहन का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस मियां साकिब निसार की अध्यक्षता में तीन जजों की पीठ ने जमियत उलेमा-ए-इस्लाम फजल के मुखिया मौलाना फजलूर रेहमान, सेक्रटरी जनरल मौलाना गफूर हैदरी और पीएमएल-एन सेनेटर कामरान माइकल को सरकार द्वारा दिए गए सुरक्षित वाहनों का इस्तेमाल करने को लेकर समन भेजा। हालांकि, वरिष्ठ अधिवक्ता कामरान मुर्तजा ने जब कोर्ट को यह बताया कि ये वाहन सरकार को वापस कर दिए गए हैं तो कोर्ट ने अपना आदेश बदल दिया। मुर्तजा ने कोर्ट को यह भी बताया कि मौलाना फजल को तीन बार जान से मारने की कोशिश की जा चुकी है।
लेकिन कोर्ट ने अधिवक्ता से कहा कि वे जेयूआई-एफ नेता से अपनी सुरक्षा की व्यवस्था खुद करने को कहे। इतना ही नहीं कोर्ट ने वकील से मौलाना को यह भी जानकारी देने के लिए कहा कि देश के लिए मेहनत से कमाया कितना पैसा उनकी सुरक्षा पर खर्च हो रहा है। कोर्ट ने इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल अली भुट्टो के वाहनों की जानकारी मांगी तो वरिष्ठ अधिवक्ता ने जवाब दिया कि दोनों नेता सरकारी गाड़ियों की बजाय अपनी गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि वह देश के पैसों पर चुनावी कैंपेन नहीं होने देगा।