चीन ने मांगा वन चाइना पालिसी पर समर्थन तो भारत बोला-पीओके में बंद करो सारे प्रोजेक्ट

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नई दिल्ली। चीन ने भारत से ‘वन-चाइना पॉलिसी’ पर समर्थन मांगा है। दोनों देशों के बीच हाल के समय में संबंधों में हुए सुधार के बाद चीन ने यह निवेदन किया है। वन-चाइना पॉलिसी में केवल पीपल्स रिपब्लिक आॅफ चाइना को पहचाना जाता है और ताइवान या रिपब्लिक आॅफ चाइना को मान्यता नहीं दी जाती। सूत्रों ने बताया कि भारत ने इसके जवाब में कहा है कि वह चाहता है कि चीन उन प्रॉजेक्ट्स से दूर रहे, जो भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करते हैं। इनमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में प्रॉजेक्ट्स और चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर शामिल हैं।
China supports Manga One China Policy, India says – Stop all projects in POK
सीपीईसी को लेकर भारत की आशंकाओं को दूर करने के लिए चीन ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। इसी वजह से चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का भारत विरोध कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के बीच 9 जून को होने वाली इस वर्ष की दूसरी मीटिंग से पहले चीन ने भारत को बताया है कि भारत की ओर से वन-चाइना पॉलिसी को स्वीकार करने से दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।

ऐसा समझा जाता है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके चीन के समकक्ष वांग यी के बीच हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स की मीटिंग के दौरान हुई बातचीत में भी यह मुद्दा उठा था। वन-चाइना पॉलिसी की पुष्टि किए बिना भारत और चीन का पहला संयुक्त बयान उस समय जारी हुआ था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चीन के पूर्व प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ की दिसंबर 2010 में मेजबानी की थी। चीन की जम्मू और कश्मीर के निवासियों को चीन की यात्रा के लिए पासपोर्ट पर स्टेपल्ड वीजा जारी करने की पॉलिसी के जवाब में भारत ने वन-चाइना पॉलिसी को मानने से इनकार कर दिया था।