राजेश भारती एनकाउंटर मामला: ड्राइवर नहीं भागता तो बच सकता था गैंगेस्टर

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नई दिल्ली। 3 दिन पहले जिस एनकाउंटर में गैंगस्टर राजेश भारती मारा गया था, उस दौरान उसके कुछ साथी भागने में कामयाब भी हो गए थे। सूत्रों का दावा है कि बदमाशों की कार से कुछ बदमाश भाग निकले थे, उनके बारे में पता लगाया जा रहा है। इस बीच यह भी पता चला है कि बदमाश बच भी सकते थे, अगर उसका ड्राइवर ऐन वक्त पर कार छोड़कर न भागता। इसके बाद कार में बैठे राजेश भारती या उसके साथियों को इतना वक्त नहीं मिल पाया कि वे ड्राइविंग सीट संभाल सके। इसी वजह से वे भाग नहीं सके।
Rajesh Bharti encounter case: The driver could not escape if he could escape gangster
छतरपुर इलाके में शनिवार को हुए इस एनकाउंटर में स्पेशल सेल की टीम ने जब खरक गांव के पास 2 गाड़ियों में आ रहे राजेश भारती और उसके गैंग को घेरा था। तब एक कार के ड्राइवर ने सामने से आती पुलिस से बचने के लिए कार को मोड़ने की कोशिश की थी। इससे पहले कि वह कामयाब हो पाता, पुलिस ने उन्हें घेर लिया।

सेल के ज्यादातर पुलिसवाले सादे कपड़ों में थे। इसी बात का फायदा उठाकर बदमाशों की एक कार का ड्राइवर गेट खोलकर फरार हो गया। पुलिसवालों ने उसे अपना आदमी समझकर गोली नहीं मारी। इसी बात का फायदा उठाते हुए वह भागकर फरार हो गया। सूत्रों ने बताया कि इसी कार की फ्रंट सीट पर ड्राइवर के अलावा कपिल था। पिछली सीट पर राजेश भारती, संजित विद्रोही और उमेश उर्फ डॉन बैठे हुए थे। राजेश भारती कभी भी संजित और डॉन के बिना नहीं चलता था।

इस कार के पीछे आ रही दूसरी गाड़ी में वीरेश राणा उर्फ विक्कू थे। पुलिस ने जब उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा था, तब उन्होंने गोलियां बरसा दी थीं। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वे चारों मारे गए थे। इस दौरान कपिल घायल हो गया था। सूत्रों का कहना है कि सेल की इस टीम में 38 पुलिसवाले थे।

इनमें से 6 पुलिसवालों को बदमाशों की गोलियां भी लगी थीं और दो एनकाउंटर के दौरान घायल हो गए थे।
सूत्रों का कहना है कि राजेश भारती खरक गांव में संचित नाम के एक प्रॉपर्टी डीलर के पास रात को नहीं रुका था। यह एनकाउंटर से करीब आधा घंटे पहले ही खरक गांव पहुंचा था। वहां 20 मिनट की मीटिंग करके यह महरौली-गुड़गांव रोड की ओर आ रहा था। इसके पीछे सेल की पांच टीमें लगी हुई थी। जिस जगह एनकाउंटर हुआ, वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था।