लिंगायत आंदोलन को बढ़ाने वाले संत कांग्रेस से नाराज, कहा- लिंगायत विधायक पार्टी छोड़े

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नई दिल्ली: लिंगायत संतों ने कांग्रेस के लिंगायत विधायकों से पार्टी छोड़ने को कहा है क्योंकि उनके मुताबिक, जिसने लिंगायत आंदोलन को आगे बढ़ाया उसे ही पार्टी ने तरजीह नहीं दी. ये वहीं संत है जिन्होंने विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस का समर्थन किया था. माता महादेवी की ही अगुवाई में लिंगायतों का एक बड़ा धड़ा हाल के चुनावों में बीजेपी छोड़ कांग्रेस के साथ आ खड़ा हुआ थी, लेकिन आज माता महादेवी नाराज है.
Saints who raise the Lingayat movement, angry with the Congress, said- Lingayat left the legislative party
लिंगायत संत माता महादेवी ने कहा कि एमबी पाटिल और उनके सभी साथियों को कांग्रेस छोड़ देनी चाहिए. इन लोगों ने लिंगायत आंदोलन चलाया, लेकिन इन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली ये लिंगायतों का अपमान है. माना जा रहा है कि वीरशैव लिंगायत महासभा के सबसे कद्दावर नेता और कांग्रेस विधायक शावनूर शिवशंकरप्पा लिंगायत नेताओं एमबी पाटिल और एचके पाटिल के खिलाफ रहे है. उनकी वजह से ही इन्हें मंत्री नहीं बनाया गया.

वरिष्ठ कांग्रेस लिंगायत नेता एच के पाटिल ने कहा कि मैं वरिष्ठ हूं और मेरे समर्थक मानते हैं कि मैंने अच्छा काम किया है. ऐसे में वो नाराज है कि मुझे मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली. फिलहाल कुमारास्वामी मंत्रिमंडल में कांग्रेस की तरफ से 4 लिंगायत मंत्री हैं. इस महीने के आखिर में मंत्रिमंडल के एक और विस्तार हो सकता है. अभी से लिंगायत और मुस्लिम उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर रहे हैं.

तनाव इतना बढ़ गया है कि मुख्यमंत्री कुमारास्वामी भी कांग्रेस के नाराज लिंगायत नेताओं को मनाने में जुटे हैं. खतरा ये है कि 104 सीट जीतने वाली बीजेपी की नजर लगातार जेडीएस और कांग्रेस के नाराज विधायकों पर है. आपने एक अनार सौ बीमार वाली कहावत सुनी होगी. कुछ ऐसा ही कर्नाटक में हो रहा है. मंत्रिमंडल में कांग्रेस कोटे से 6 सीटें अब भी खाली हैं और ढाई दर्जन विधयाक मंत्री बनने का सपना देख रहे है और इसी वजह से खींचातान मची है.