मुकुल की हत्या के बाद दहशत में गांव के लोग, घरों में हुए कैद

0
330

नई दिल्ली। बाहरी दिल्ली के ताजपुर कलां गांव के तमाम लोगों ने खुद को अपने घरों में कैद कर लिया है। अधिकतर लोग या तो घरों के अंदर ही रहते हैं या फिर अस्थायी तौर पर पलायन कर लिया है। सोमवार को उत्तरी दिल्ली के संत नगर में 16 साल के मुकुल की 18 गोलियां मारकर जघन्य हत्या किए जाने के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। किशोर मुकुल की इसलिए हत्या कर दी गई क्योंकि वह जितेंद्र गोगी गैंग के प्रतिद्वंद्वी गैंग के सुनील बालयान उर्फ टिल्लू का भतीजा था।
After the murder of Mukul, people of the village in panic, in house arrest
गांव के किनारे पर ही गैंगस्टर टिल्लू का घर है, जिसका बरसों से जितेंद्र गोगी गैंग से विवाद रहा है। बीते दो सालों से वह सोनीपत जेल में बंद है, लेकिन दोनों गैंगों के बीच खूनी रंजिश जारी है। परिवार को सुरक्षा का डर सता रहा है। गांव में प्रवेश करते ही एक गड्ढा इस तरह से खोद दिया गया है ताकि कोई भी अज्ञात वाहन रुक जाए। यही नहीं टिल्लू के घर की तरफ जाने वाली गली पर करीब आधा दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और 10 सुरक्षा गार्ड हमेशा पट्रोलिंग पर रहते हैं।

‘अब गोगी की मौत के साथ ही खत्म होगी रंजिश’
टिल्लू के परिवार के लोगों का कहना है कि मुकुल के सीने में 18 गोलियां उतारकर गोगी ने हदें पार कर दी हैं। बुधवार को टिल्लू के एक पारिवारिक मित्र ने कहा, ‘यह रंजिश अब गोगी की मौत के बाद ही खत्म होगी। मुकुल एक बच्चा था। आखिर उसका क्या अपराध था?’ टिल्लू के सभी साथियों, परिवार के लोगों और दोस्तों ने मुकुल की तस्वीर को अपनी वॉट्सऐप प्रोफाइल में लगा रखा है।

पढ़ाई छोड़ कर ली थी गैंगस्टरों से दोस्ती
1989 में जन्मे टिल्लू ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और सुनील मान जैसे लोगों से दोस्ती कर ली, जिसने लोकसभा कैंडिडेट दीपक भारद्वाज की 2013 में हत्या की थी। इसके बाद उसने अपराध का रास्ता ही नहीं छोड़ा। बीते 5 साल पहले उसका गोगी गैंग से विवाद शुरू हुआ था। बीते साल से तो टिल्लू के परिवार को भी गोगी ने निशाने पर ले रखा है। यहां तक कि डीटीसी के एंप्लॉयी रहे टिल्लू के बड़े भाई अनिल ने नौकरी तक छोड़ दी और घर पर ही रहते हैं।