एनसीआरबी डायरेक्टर का प्रस्ताव, पुलिस के पास हो आधार डेटा, शवों के शिनाख्त में मिलेगी मदद

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हैदराबाद। नैशनल क्राइम रेकॉर्ड्स ब्यूरो डायरेक्टर इश कुमार ने गुरुवार को पुलिस को आधार डेटा का लिमिटेड एक्सेस दिए जाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि फर्स्ट टाइम आॅफेंडर्स और बिना शिनाख्त के शवों को ट्रेस करने में इससे मदद मिलेगी।  एनसीआरबी डायरेक्टर का सुझाव ऐसे वक्त पर आया है, जब सुप्रीम कोर्ट में आधार की संवैधानिक वैधता पर केस चल रहा है।
NCRB Director’s proposal, base data with police, help found in dead bodies
इसमें निजता के अधिकार के हनन की बात कही गई है। 19वें आॅल इंडिया कॉन्फ्रेंस आॅफ डायरेक्टर्स आॅफ फिंगरप्रिंट ब्यूरो में बोलते हुए एनसीआरबी चीफ ने कहा देश भर में करीब 50 लाख केस हर साल रजिस्टर होते हैं। इनमें करीब 80-85 प्रतिशत फर्स्ट टाइम आॅफेंडर होते हैं, जिनका पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं होता है। उन्होंने कहा, ‘हर साल करीब 40,000 शव बरामद होते हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाती। आधार डेटा के साथ इन शवों की शिनाख्त हो सकती है और उन्हें उनके परिजनों को सौंपा जा सकता है।’

गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा ने कहा कि एनसीआरबी डायरेक्टर के प्रस्ताव पर मंत्रालय में चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘हम इस सुझाव को मानने की कोशिश करेंगे। यह कदम अपराध रोकने में अहम हो सकता है।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आइडेंटिफिकेशन आॅफ प्रिजनर्स ऐक्ट में आधार से जुड़ी सूचनाएं शेयर करने के मामले पर हम मंत्रालय में विचार करेंगे।

इसके अलावा फिंगर प्रिंट्स ब्यूरो की डेटा स्टोरेज कपैसिटी को भी बेहतर बनाए जाने की जरूरत है और सरकार यह काम प्राथमिकता के आधार पर करेगी। बता दें कि फिंगर प्रिंट्स को अपराध के मामले में वैज्ञानिक सबूत माना जाता है। इस इवेंट में हिस्सा लेने वाले तेलंगाना के डीजीपी एम महेंद्र रेड्डी ने कहा कि फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन प्रॉसेस एक ऐसा टूल है, जिससे अपराधियों को पहचानने में मदद मिलती है।