नोएडा: यमुना एक्सप्रेस-वे विकास प्राधिकरण के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी पीसी गुप्ता को शुक्रवार को थाना कासना पुलिस ने मध्य प्रदेश के जनपद दतिया से गिरफ्तार किया. गुप्ता के खिलाफ थाना कासना में धोखाधड़ी तथा भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. यह मामला प्राधिकरण में तैनात पुलिस निरीक्षक द्वारा दर्ज कराया गया था.
Former CEO of Yamuna Expressway arrested from Datia, accuses of 1000 thousand crore scandal
मामले में आरोप है कि प्राधिकरण के तहत आने वाले मथुरा जिले के सात गांवो की जमीन तत्कालीन सीईओ गुप्ता ने अपने रिश्तेदारों के संग मिलकर खरीदी तथा जरूरत नहीं होने के बावजूद उस जमीन का बाजार भाव से दोगुनी दर पर प्राधिकरण द्वारा अधिकृत किया गया. मध्य प्रदेश पुलिस ने बताया कि पीसी गुप्ता को 100 करोड़ के जमीन घोटाले में गिरफ्तार किया गया है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ अजय पाल ने बताया कि प्राधिकरण में तैनात इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह ने थाना कासना में तीन जून को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि यमुना विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले जनपद मथुरा के सात गांव शिव पट्टी बांगर, शिव पट्टी खादर, कैलाना बांगर, कैलाना खादर, सोनपुर बांगर, नौझील बांगर आदि की 97 हेक्टेयर भूमि को फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीदा गया, तथा आवश्यकता नहीं होने के बावजूद इस जमीन का प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहण किया गया. आरोप है कि इस सौदे में प्राधिकरण का 126 करोड़ का नुकसान हुआ.
एसएसपी ने बताया कि इस मामले में प्राधिकरण के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी (आईएएस) पीसी गुप्ता, तहसीलदार सुरेश चंद शर्मा तथा संजीव कुमार, जितेंद्र चौहान, विवेक कुमार जैन, सुरेंद्र सिंह, मदन पाल, अजीत कुमार, योगेश कुमार, वीरेंद्र चौहान, निर्दोष चौधरी, गौरव कुमार, मनोज कुमार ,अनिल कुमार, स्वाति दीप शर्मा, सुदेश गुप्ता, सोनाली, प्रमोद कुमार यादव, निधि चतुवेर्दी, सहित 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. एसएसपी ने बताया कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें बनाई गई है. शुक्रवार को एक टीम ने मध्य प्रदेश के जनपद दतिया से पीसी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया.