अगर अब हुई खाने में मिलावट तो भरना होगा 10 लाख का जुर्माना

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नई दिल्ली। खाने-पीने के सामान में मिलावट करने वालों की अब खैर नहीं है। सरकार उनसे सख्ती से निपटने के लिए खाद्य सुरक्षा कानून में बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही है। नए कानून के मसौदे के मुताबिक ऐसा करने वालों को उम्र कैद की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुमार्ना हो सकता है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी आॅफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने मसौदे पर जनता और संबंधित पक्षों से राय मांगी है।
If you have to fill the adulterated food now, the fine of 10 lakh
अभी लचर कानूनों के कारण मिलावट करने वालों को मामूली सी सजा हो पाती है। अभी मिलावट के कारण किसी की मौत होने पर ही उम्र कैद का प्रावधान है। मसौदे के मुताबिक नया कानून बनने पर इसके दायरे में एक्सपोर्टर्स भी आएंगे। फिलहाल इन पर खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं होता है। नए कानून में खाने-पीने का सामान इंपोर्ट करने वालों की जिम्मेदारी भी तय होगी। अभी इन पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाती। मसौदे के मुताबिक, उपभोक्ता की परिभाषा में भी बदलाव होगा और पशुओं के खाद्य पदार्थ भी कानून के दायरे में आएंगे।

इनमें होने वाली मिलावट पर भी कड़ी नजर रखी जएगी। गौरतलब है कि अभी सख्त कानून न होने से देश के हर इलाके में खाद्य पदार्थों और पेयों में मिलावट की खबरें आम हैं। एफएसएसएआई ने खुद अपने सर्वे के जरिए इस बात की तस्दीक की है। मिलावट के मामले आम तौर पर त्यौहारों के मोके पर ज्यादा आते हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ऐसा देश के हर इलाके में हर रोज होता है। मिलावट के ज्यादा मामले उत्तरी राज्यों में देखे जा रहे हैं।

पांच दिन में देनी होगी रिपोर्ट
फूड सेफ्टी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। इसके तहत अब फूड आइटम्स की जांच करने वाली लैब्स को पांच दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। अगर खाद्य या पेय पदार्थेों के किसी केमिकल या उसमें जीवाणुओं की जांच करनी हो तो अधिकतम 10 दिन में रिपोर्ट देनी होगी। एफएसएसएआई के इस आदेश से फूड सेफ्टी को बरकरार रखने में बड़ी मदद मिलने के आसार हैं।