मुंबई। बिना टिकट की रेल यात्रा पर जुमार्ना बढ़ाकर अब 1,000 रुपये किया जा सकता है। दरअसल, पश्चिमी रेलवे ने बेटिकट यात्रियों से वसूले जानेवाले जुमार्ने की मौजूदा रकम तीन गुना बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। संभावना है कि रेलवे बोर्ड इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दे क्योंकि अधिकारियों को लगता है कि भारी-भरकम जुमार्ने से बेटिकट यात्रा करनेवाले रेल यात्री हतोत्साहित होंगे।
If you are traveling without ticket, you may have to pay three times the fine.
अभी बिना टिकट के प्रथम और द्वितीय श्रेणी के रेल डब्बों में यात्रा करनेवालों से 250 रुपये का जुमार्ना वसूला जाता है। इससे पहले जुमार्ने की रकम महज 50 रुपये थी जिसे साल 2002 में बढ़ाकर 250 रुपये किया गया था। वेस्टर्न रेलवे के एक सीनियर आॅफिसर ने कहा, ‘रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी के हालिया मुंबई दौरे के वक्त हमने जुमार्ने की रकम बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था।’
यह प्रस्ताव पहले भी भेजा गया था, लेकिन रेलवे बोर्ड ने इस बार वेस्टर्न रेलवे को भरोसा दिलाया है कि इस पर विचार किया जाएगा। पश्चिमी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘महंगाई के मुताबिक जुमार्ने की रकम भी बढ़नी चाहिए।’ अधारियों ने कहा कि रोजाना यात्रा करनेवाले कई यात्री यह सोचकर टिकट नहीं लेते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि पकड़े जाने के बाद फाइन भरना मंथली सीजन टिकट लेने के मुकाबले सस्ता है।
सेंट्रल रेलवे में रोजाना करीब 3,000 जबकि वेस्टर्न रेलवे में करीब 1,300 बेटिकट यात्री पकड़ाते हैं। ऐसे में सेंट्रल रेलवे को जुमार्ने से हर रोज 15 लाख रुपये जबकि वेस्टर्न रेलवे को 5 लाख रुपये की आमदनी होती है। वहीं, सेंट्रल रेलवे किराए से हर दिन 7 करोड़ रुपये जबकि वेस्टर्न रेलवे 5 करोड़ रुपये कमाता है।