उमरिया। मंदसौर में मासूम से हुई दरिंदगी के बाद पूरा प्रदेश आक्रोश में उबल रहा है, चौतरफा प्रदर्शन, कैंडल मार्च करते हुए आरोपियों को फांसी देने की मांग की जा रही है, कांग्रेस भी इसमें खूब बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है, लेकिन वहां भी उसकी अंदरूनी कलह भारी है।
Demonstrations in the protest, factionalism in different conferences in the Congress!
यह कहना गलत नहीं होगा कि विपक्ष की भूमिका में सुस्त पड़ी कांग्रेस में इतनी जान कहां से आ गई कि पार्टी ने एक ही दिन में बेरोजगारी के मुद्दे पर पहले बांधवगढ़ के बीजेपी विधायक शिवनारायण सिंह के बंगला घेराव कर गिरफ्तारी दी। उसके बाद महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने पार्टी कार्यकर्ता पूरे जोश के साथ रैली के साथ धरना प्रदर्शन करते दिखे, बाद में पार्टी की तरफ से मंदसौर घटना के विरोध में कैंडल मार्च निकाला गया वो भी पूरे जोशोखरोश के साथ।
जिला मुख्यालय पर एक ही दिन में कांग्रेस के तीन बड़े प्रदर्शन भले ही आम आदमी की समझ से बाहर हो, लेकिन अलग-अलग नेताओं का नेतृत्व और वो भी पूरे दमखम के साथ। जिसे राजनैतिक चश्मे से देखा जा रहा है और माना जा रहा है कि यह पूरा जोश बीजेपी का विरोध कम युवक कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनने की दावेदारी ज्यादा है।
बहरहाल नये अध्यक्ष की घोषणा जब होगी, तब तक इंतजार करना होगा। फिलहाल तो जिले में नगर पालिका चुनाव सामने है, ऐसे में पार्टी अध्यक्ष की घोषणा के साथ-साथ नगर पालिका में टिकट बंटवारे में दावेदारों को मनाना पार्टी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा क्योंकि अक्सर अंतर्कलह से चुनाव हारने वाली कांग्रेस इससे कैसे निपटती है।