नई दिल्ली। ललित ने ही ‘मोक्ष’ के लिए परिवार के सभी सदस्यों को ‘सूली’ चढ़वाया और खुद भी आत्महत्या कर ली। एक परिवार के 11 सदस्यों के एकसाथ आत्महत्या के पीछे कोई बाबा या तांत्रिक का हाथ नहीं मिला है। यह बात पुलिस दावे से कह रही है। खुद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि शुरूआत में उन्हें भी शक था कि ललित को कर्मकांड और सामूहिक आत्महत्या के लिए उकसाने में किसी बाबा या गुरु का हाथ हो सकता है, लेकिन आगे की जांच में लगभग साफ हो गया है कि उनका किसी बाबा से संपर्क नहीं था। ऐसा लग रहा है कि वह किसी गंभीर मानसिक रोग से ग्रस्त थे, क्योंकि वह अकसर अपने मृत पिता को देखने और उनसे सलाह-मशविरा करने का दावा करते थे। यहां तक कि मृत पिता की सलाह पर कारोबारी और प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के फैसले भी लिया करते थे।
Police claim in Bharati case: Lalit only pledged whole family in solarium, then suicides
यह अलग बात है कि ललित को उनके परिजन मानसिक रोगी नहीं मानते थे, बल्कि उन्हें स्पेशल पावर से लैस मानते थे, इसलिए उन पर भरोसा करते थे, उनके साथ पूजा-पाठ आदि करते थे। ललित ने अपने मृत पिता से (काल्पनिक) बात करके मोक्ष का कर्म-कांड रजिस्टर में लिखा था। उसके लिए कई दिन से तैयारियां चल रही थीं। रजिस्टर की हैंडराइंडिंग को मिलान के लिए एक्सपर्ट्स के पास भेजा गया है। पुलिस के अनुसार, रजिस्टर में मोक्ष प्राप्ति के लिए जैसा-जैसा करने को लिखा गया, सभी सदस्यों ने वही किया।
पुलिस की थिअरी में विरोधाभास
पता चल रहा है कि 1 जुलाई को तड़के 4:38 से भद्रा काल लग रहा था, जिसे अशुभ समय माना जाता है, इसलिए माना जा रहा है कि भद्रा लगने से पहले ही पूरा परिवार सूली चढ़ गया था। वहीं, दूसरी ओर पुलिस की थिअरी में एक बड़ा विरोधाभास यह सामने आ रहा है कि सूली पर मिले ललित के हाथ और मुंह बंधे मिले थे, इससे जाहिर है कि उन्होंने सबसे आखिर में फंदा नहीं लगाया था। इस बारे में पुलिस का कहना है कि हो सकता है कि ललित और उनकी पत्नी टीना ने पहले सभी सदस्यों को सूली पर चढ़ाया। उस दौरान जिन सदस्यों को डर लगा, उनके हाथ-मुंह व पैर बांध दिए। टीना की मदद से ललित ने भी उसी तरीके से फंदा लगाया। आखिर में टीना ने फांसी लगा ली।
दिल्ली के बुराड़ी में रविवार को 11 लोगों की सामूहिक मौत की घटना सामने आने के बाद सनसनी फैल गई है। अभी तक हुई जांच के मुताबिक, यह धर्म के नाम पर आत्महत्या का मामला है। वैसे अभी पूरी तरह से इस मामले से पर्दा नहीं उठा है। इतिहास में सामूहिक मौत की कई ऐसी कई दिल दहला देने वाली घटनाएं घटित हुई हैं जो रहस्यमय हैं।
रिश्तेदार नाराज हैं, आज शाम को करेंगे मीटिंग
मृत परिवार से जुड़े रिश्तेदार और चित्तौड़गढ़ से दिल्ली आए ललित के भाई दिनेश मीडिया में आ रहीं रिपोर्ट्स से नाराज हैं। वह पुलिस की थिअरी को बिल्कुल बकवास बता रहे हैं, हालांकि हकीकत क्या हो सकती है, इस बारे में कुछ नहीं बोल पा रहे हैं, न ही उन्हें किसी पर शक है, न ही आत्महत्या की रिपोर्ट पर कोई शंका है। वह हैरान-परेशान हैं, लेकिन पुलिस से इत्तेफाक नहीं रख रहे। उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि वे सभी लोग घाट पर फूल चुगने आए हैं।
शाम 4 से 5 के बीच समाज की मीटिंग है, उसमें तय किया जाएगा कि पुलिस जांच और मीडिया में आ रही रिपोर्ट्स का कैसे विरोध किया जाए। इस मामले में गलत रिपोर्टिंग हो रही हैं। ललित को कोई मानसिक रोग नहीं था। न ही परिवार तंत्र-मंत्र में यकीन करता था। मीडिया में वट पूजा, 11 पाइप जैसी काल्पनिक खबरें आ रही हैं, जिससे उनके रिश्तेदार आहत हैं। पुलिस मामले की जांच करने में नाकाम है तो काल्पनिक बातें कर रही है। जान-बूझकर ऐसे तथ्य पेश किए जा रहे हैं कि पूरे कांड का कर्ता-धर्ता उसी परिवार को ठहरा दिया जाए, क्योंकि वह तो खंडन करने आएंगे नहीं।
उस परिवार को नजदीक से जानने वालों को पुलिस की किसी बात पर बिल्कुल यकीन नहीं है। मृतक परिवार की रिश्तेदार सुजाता ने पुलिस की थिअरी को सरासर गलत बताते हुए कहा, ‘परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का था लेकिन वे किसी प्रकार के तंत्र-मंत्र में शामिल नहीं थे जैसाकि मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है। घर की दीवार पर जो पाइप लगे हैं उसे सोलर प्रॉजेक्ट के लिए लाया गया था और वेंटिलेशन के उद्देश्य से वहां लगाया गया था।’