जुड़वां बच्चों की चाहत में इस गांव में ठिकाना तलाश रहे कपल

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गाजियाबाद। जुड़वां लोगों के लिए मशहूर लोनी से लगा अटौर नंगला गांव अब बाहर के लोगों को भी आकर्षित कर रहा है। कई परिवारों ने गांव के प्रमुख लोगों से संपर्क कर यहां रहने की इच्छा जताई है ताकि उनके घर भी जुड़वां बच्चे आ सकें।  गांव के रहने वाले और आरडब्ल्यूए के महासचिव प्रमोद धनकड़ ने बताया कि उनके पास कुछ लोगों के फोन आए थे।
Couple looking for a place in this village in the twin
पहले तो उन लोगों ने गांव का पूरा इतिहास जाना और इस बात को पुख्ता किया कि यहां बड़ी संख्या में जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। इसके बाद बताया कि वे लोग भी अटौर नंगला में रहना चाहते हैं। प्रमोद ने बताया कि ऐसे लोगों को गांव आकर स्थानीय निवासियों से संपर्क करने को कहा गया है। अगर वे लोग गांव में रहना चाहते हैं तो इसमें पूरी मदद की जाएगी।

इंजिनियर और कारोबारी भी आना चाहते हैं गांव
गांव के लोगों ने फोन करने वालों में इंजिनियर और कारोबारी तक शामिल हैं। ज्यादातर लोग वेस्टर्न यूपी के विभिन्न क्षेत्रों के हैं। प्रमोद ने बताया कि ये लोग बाकायदा किराये पर घर लेकर परिवार के साथ रहना चाहते हैं। उनकी चाहत है कि गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म तक यहीं रहें। ज्यादातर वे लोग हैं, जिनकी शादी को लंबा वक्त बीत चुका है, लेकिन वे अभी तक माता-पिता नहीं बन सके हैं।

बच्चों की चाहत में वे गांव में बसने को तैयार हैं। वैसे सुविधाओं के मामले में अटौर नंगला काफी संपन्न है। ऊपर से स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर बाहर के लोग उनके गांव में रहना चाहते हैं तो वे उनका सहयोग करेंगे। इस तरह से अटौर नंगला का और नाम होगा।

प्रकृति की देन मानते हैं स्थानीय लोग
बता दें कि गांव में 1-2 नहीं बल्कि 60 से अधिक परिवारों में जुड़वां बच्चे हैं। इसे यहां के लोग प्रकृति की देन मानते हैं। पीछे का कारण किसी को नहीं पता और न ही कोई कहानी प्रचलित है। हालांकि कुछ लोग अब इस विषय पर शोध जरूर कर रहे हैं।