कमलनाथ का आरोप: सरकार का बिजली बिल माफी चुनावी लालीपाप

0
709

भोपाल। चुनावी साल में सीएम शिवराज सिंह द्वारा शुरू की गयी ‘सरल बिजली बिल’ और ‘मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी’ योजना को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने चुनावी लॉलीपॉप करार दिया है। उन्होंने कहा है कि ये योजना जनता को गुमराह करने के लिए लायी गई है।
Kamal Nath’s allegation: the power bill of the government, electoral laziness
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि असंगठित मजदूरों के पंजीयन में बड़ा फजीर्वाड़ा, पौने दो करोड़ मजदूरों का आंकड़ा खुद विकास की पोल खोल रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूरों के स्मार्ट कार्ड में सरकारी धन का दुरूपयोग और शिवराज के फोटोयुक्त स्मार्ट कार्ड को लेकर कांग्रेस चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएगी।

‘जनता को गुमराह करने के लिए नई-नई योजनाएं’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि14 साल की भाजपा सरकार हर चुनाव के पूर्व चुनाव जीतने के लिए झूठी घोषणाऐं व जनता को गुमराह करने के लिए चुनावी वर्ष में नई-नई योजनाएं ले आती है। चुनावी साल में लायी गई ‘सरल बिजली व मुख्यमंत्री बकाया बिल माफी योजना’ सिर्फ चुनावी लॉलीपॉप है। यदि सरकार को गरीबों व मजदूरों की इतनी ही चिंता थी, तो पिछले 14 सालों में उन्हें फ्लैट रेट पर बिजली देने की योजना क्यों लागू नहीं की गई?

‘अन्य राज्यों की तुलना में टढ में बिजली महंगी’
कमलनाथ ने कहा कि अब जब चुनाव के लिए मात्र 4 माह शेष हैं, तो गरीबों और मजदूरों को गुमराह करने के लिए इस तरह की लुभावनी योजना लागू की जा रही है। इस योजना को लेकर पूरी फ्री बिजली की बात कहकर मजदूरों व गरीबों को गुमराह किया जा रहा है। जबकि इसमें एक हजार वाट से अधिक संयोजित भार वाले उपभोक्ता पात्र नहीं हैं। सस्ती बिजली के वादे के साथ सत्ता में आयी शिवराज सरकार को तो पूरे प्रदेश की जनता को सस्ती बिजली देना चाहिए, क्योंकि अन्य राज्यों की तुलना में मध्यप्रदेश में सबसे महंगी बिजली दी जा रही है।

‘पंजीयन में जमकर किया जा रहा फर्जीवाड़ा’
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार एक तरफ अन्य राज्यों को सस्ती बिजली बेच रही है, वहीं खुद के प्रदेश की जनता को महंगी बिजली दे रही है। कमलनाथ ने कहा कि इस योजना को लेकर जनकल्याण योजना (संबल) के विभिन्न सम्मेलन प्रदेश भर में आयोजित किये गये, जिसमें असंगठित श्रमिकों का बड़े पैमाने पर पंजीयन किया गया। इस पंजीयन में जमकर फजीर्वाड़ा किया गया। मजदूरों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर भाजपा कार्यकताओं को मजदूर बनाकर इनका भी पंजीयन किया गया। ताकि इन्हें मजदूरों की आड़ में योजनाओं का लाभ दिया जा सके।