भारतीय सर्विलांस विमान की तैनाती पर अभी भी मालदीव के तीखे तेवर

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नई दिल्ली। मालदीव में भारत के डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान की तैनाती के लिए लेटर आॅफ एक्सचेंज का मामला अभी भी फंसा हुआ है। इसकी वजह से दोनों देश डिफेंस और सिक्यूरिटी के मामले पर लंबे समय से एक-दूसरे के सामने हैं। सरकार ने गुरुवार को अब्दुल्ला यामीन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस समय में मजलिस (संसद) और न्यायपालिका को आजादी और पारदर्शी तरीके से काम करने की इजाजत नहीं है, ऐसे समय में मालदीव में चुनावों की घोषणा करना चिंता का विषय है।
Still on the deployment of Indian surveillance aircraft
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार कराना बेहद जरूरी है।’ बीते पांच जून को हमने आपको बताया था कि माले ने भारत से अपने दोनों एएलएच ध्रुव चॉपर्स 30 जून तक हटाने के लिए कहा है। हालांकि ये दोनों मशीनें अभी भी मालदीव में हैं, क्योंकि सरकार का कहना है कि वह मालदीव सरकार से इस मामले पर बातचीत कर रहे हैं।

भारत में मालदीव के राजदूत अहमद मोहम्मद ने गुरुवार को कहा कि हेलिकॉप्टर हटाने की अंतिम तारीख 30 जून थी। एक सीनियर मंत्री ने माले में सार्वजनिक तौर पर कहा था कि मालदीव को भारत से डोर्नियर विमान चाहिए। इस मामले पर दोनों देशों की चर्चा चल रही है, लेकिन अभी तक माले का इस मामले में पर नजरिया स्पष्ट नहीं हो पाया है। डोर्नियर की तैनाती का एलओई यामीन सरकार में साल 2016 से पेंडिंग है। भारत चाहता है कि माले इस एलओई को स्वीकृति दे ताकि न सिर्फ डोर्नियर को तैनात किय जा सके, बल्कि इसकी मेंटिनेंस के लिए नेवी आॅफिसर को भी भेजा जा सके।

सरकार का कहना है कि हेलिकॉप्टर और भारतीयों के वर्क परमिट को लेकर दोनों देशों की सरकारें बातचीत कर रही हैं। सरकार का कहना है कि उसने मालदीव से लोकतंत्र के रास्ते पर लौटने की अपील की है, और चुनाव से पहले राजनीतिक प्रक्रिया और कानून के शासन की विश्वसनीय बहाली सुनिश्चित करने की मांग की है।