सरकार कामगारों को देगी पेशन, पीएफ, हेल्थ इंश्योरंस में छूट देने कर रही विचार

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नई दिल्ली। देश में सभी कामगारों को पेंशन, प्रविडेंट फंड और हेल्थ इंश्योरेंस बेनेफिट्स देने के लिए सरकार कई स्कीमों पर विचार कर रही है। लेबर मिनिस्ट्री जिस सोशल सिक्यॉरिटी कोड को अंतिम रूप दे रही है, उसके तहत सेल्फ-एंप्लॉयड से लेकर ऐग्रिकल्चरल वर्कर्स सहित हर तरह के कामगार इन स्कीमों में से चयन कर सकेंगे। एक सीनियर सरकारी अफसर ने बताया कि पेंशन, इंश्योरेंस और प्रविडेंट फंड से जुड़ी इन स्कीमों को या तो सरकार चला सकती है या इनका जिम्मा प्राइवेट प्लेयर्स को दिया जा सकता है।
Government giving relief to pensioners, PF and health insurance
अधिकारी ने बताया कि लेबर मिनिस्ट्री पहले चरण में इन तीन बेनेफिट्स को कवर करना चाहती है और प्रस्तावित स्कीम के तहत यूनिवर्सल सोशल सिक्यॉरिटी के तहत सभी सब्सक्राइबर्स को इन तीन बेनेफिट्स से जुड़ी कई स्कीमों में से कम से कम एक स्कीम अनिवार्य रूप से चुननी होगी। उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा एंप्लॉयीज प्रविडेंट फंड आॅर्गनाइजेशन के तहत एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड और एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम सहित सभी मौजूदा योजनाओं की पहचान और उनका मूल स्वरूप बरकरार रखा जाएगा।’

सोशल सिक्यॉरिटी कोड लागू होने पर सब्सक्राइबर्स के पास अपनी मौजूदा स्कीमों को जारी रखने या अपनी पूरी जमा राशि के साथ किसी अन्य स्कीम में जाने का विकल्प होगा। यह काम किसी भी बेनेफिट के तहत हर स्कीम पर रिटर्न की गणना के बाद किया जाएगा। उदाहरण के लिए, पेंशन बेनेफिट के लिए ईपीएस, नैशनल पेंशन स्कीम या सरकार की ओर से चुने गए किसी प्राइवेट कंपनी की किसी अन्य पेंशन स्कीम की सुविधा ली जा सकेगी।

इसी तरह ईपीएफ, पब्लिक प्रविडेंट फंड या सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध जनरल प्रॉविडेंट फंड में कंट्रीब्यूशन के लिए प्रविडेंट फंड से जुड़े विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। वहीं एंप्लॉयीज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम, एंप्लॉयीज स्टेट इंश्योरेंस स्कीम या इस काम के लिए चुनी गई किसी प्राइवेट कंपनी की किसी अन्य स्कीम को सब्सक्राइब कर इंश्योरेंस की सुविधा ली जा सकेगी।

इससे सब्सक्राइबर्स को फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी, वहीं इससे एंप्लॉयर्स के लिए कंप्लायंस कॉस्ट भी काफी कम हो सकती है। इसकी वजह यह है कि एंप्लॉयर्स को सोशल सिक्यॉरिटी कोड के तहत एक अकाउंट के लिए केवल एक कंप्लायंस फाइल करना होगा जबकि अभी एंप्लॉयर को ईपीएफओ, एंप्लॉयीज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन और मेडिकल इंश्योरेंस के लिए अलग-अलग कंप्लायंसेज फाइल करने होते हैं। इस तरह मौजूदा स्थिति के मुकाबले हालात काफी बदल जाएंगे। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों की सैलरी से अभी अनिवार्य रूप से प्रॉविडेंट फंड, पेंशन और इंश्योरेंश स्कीम के लिए डिडक्शन किया जाता है।