अस्मत की आड़ में मानवता शर्मशार: पंचायत ने रेपिस्ट से वसूले 30 हजार, फिर पूरे गांव को दी पार्टी

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नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के जशपुर में अस्मत की आड़ में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है. मामला था तीन लड़कियों का जिसमें दो नाबालिग है, जिन्हें भरे पंचायत में खड़े कर सार्वजनिक रूप से उनकी अस्मत का सौदा किया गया. इस समझौते का सौदा भी मात्र 30 हजार रुपये में हुआ. इस तीस हजार में 8 हजार रुपयों का बकरा भात बनाकर पंचायत की अदालत में उपस्थित ग्रामीणों खिलाया गया. इसके बाद सौदे के बचे हुए 22 हजार 485 रुपये ग्रामीणों को बांट दिए गए.
Human shame in the guise of Assam: Panchayat collected 30 thousand rupees from the rapist, then given to the entire village
यह मामला है जशपुर जिले के सन्ना थाना क्षेत्र की एक पंचायत का है, जहां न्याय के नाम पर मानवता को शर्मशार करने वाला गन्दा खेल खेला गया. बीते 28 जून को तीन लड़कियों के साथ तीन लड़के आपत्तिजनक स्थिति में मिले, जिन्हें ढूंढने निकले लडकियों के परिजनों ने देख लिया. इसके बाद यह मामला मामला थाने तक पहुंच गया. इसके बाद यह बात पूरे गांव में फैल गई. अंतत: मामले का फैसला ग्राम पंचायत की भरी अदालत में करने का निर्णय लिया गया. पंचायत में तीनों नाबालिग लड़कियों समेत उन्हें भगाने वाले दोषी तीन लड़कों, दोनों परिवार समेत गांव के अन्य लोगों को बुलाया गया.

1 जुलाई दिन रविवार को पंचायत ने अदालत में लड़के व नाबालिग लड़कियों से पूरी कहानी पूछी और तीन लड़कों पर लड़कियों को भागकर ले जाने व 2 दिनों तक बाहर रखने का दोषी माना गया. भविष्य में दोबारा ऐसे गलती न किए जाने की शर्त पर उनपर 10-10 हजार का जुमार्ना लगाया गया. तीनों लड़कों के परिवारवालों ने सामाजिक अदालत को ‘भातभीतर’ के नाम पर 30 हजार रुपये दिए और मामले में समझौता हो गया. दोष माफ हो गया. भात-मटन की पार्टी हुई और मामला रफा दफा कर दिया गया.

आपको बता दें की भातभीतर आदिवासी अंचलों में ग्रामीणों की वह प्रथा है, जिसमें किसी बड़े दोष का निराकरण पंचों की सहमती से निर्णय के बाद सजा स्वरूप भात खिलाकर और शराब पिलाकर की जाती है. इसी कड़ी में समाज के लोगों ने 8 हजार रुपये बकरा मटन की पार्टी के लिए लिया और बाकी बचे पैसे 485 रुपये के हिसाब से सभी ग्रामीणों को बांट दिए गए. इस मामले पर पुलिस मौके पर पंहुच गई है और दो थानों की टीम के साथ महिला सेल की टीम भी ग्रामीणों से बयान ले रही है. इस मामले में गांव के सरपंच समेत कई लोगों की संलिप्तता है, जिसके कारण पुलिस को भी खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. पुलिस के द्वारा लगातार मामले को खंगालने का प्रयास किया जा रहा है.