मप्र विस चुनाव में सपा- बसपा से गठबंधन की तैयारी में कांग्रेस, नाथ आज मिलेंगे अखिलेश से!

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भोपाल। विधानसभा चुनाव करीब आते ही बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे को मात देने के लिए सियासी चालें खुलकर चलने लगी हैं। फिलहाल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सहारे के लिए ‘हाथी’ की तरफ हाथ बढ़ा रहे हैं। इसी के तहत उन्होंने दिल्ली में बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात भी की। वहीं चर्चा है कि आज वे भोपाल में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मिल सकते हैं।
In the election of MP, the Congress, Nath will meet Akhilesh today in the preparation of the alliance from the SP.
चुनावी साल में सूबे की सियासत की दो सबसे बड़ी पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे को मात देने के लिए सियासी मोहरें और चालें खुलकर चलने लगी हैं। एक तरफ बीजेपी तय रणनीति के तहत शिवराज और मोदी के चेहरे के नाम पर चुनावी रण में उतर चुकी है, तो कांग्रेस किसी भी कीमत पर भाजपा को मात देकर सत्ता के वनवास को खत्म करने के लिए छटपटा रही है। मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में शिवराज सिंह तीसरी बार जनता से आशीर्वाद मांगने चल पड़े हैं। वहीं कमल को नथने के लिए कमलनाथ हाथी की तरफ सहारे के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं।

जहां तक कांग्रेस की चुनावी रणनीति की बात करें, तो अब तक चुनावी गठबंधन के सवालों पर चुप रहने वाली या गोलमोल जबाब देने वाली कांग्रेस ने अब सीधे तौर पर स्वीकार करना शुरू कर दिया है कि बीजेपी को हराने के लिए वो समान विचारधारा के दलों से गठबंधन करने जा रही है। हालांकि दोनों दलों के प्रदेश स्तर के नेता इस बात को अभी भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात की है। कमलनाथ ने कहा कि समान विचारधारा के दलों में वोटों के बिखराव का फायदा भाजपा को मिलता है और हम नहीं चाहते हैं कि इस बार के चुनाव में ऐसा फायदा बीजेपी को हो।

बसपा के अलावा कांग्रेस सपा के भी लगातार संपर्क में है। हालांकि मप्र में सपा का बसपा जैसा प्रभाव नहीं है और सपा की अपेक्षा बसपा मजबूत स्थिति में है। लेकिन सपा इतनी कमजोर भी नहीं है कि कुछ सीटों पर अकेले लड़कर कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सके। ऐसी स्थिति में कांग्रेस सपा के भी संपर्क में है और माना जा रहा है कि आज अखिलेश यादव और कमलनाथ के बीच चर्चा हो सकती है। कमलनाथ का कहना है कि उन्होंने कहा था कि वोटों का बिखराव न हो, वोटों का बंटवारा न हो, इसलिए हम सबसे चर्चा कर रहे हैं। कमलनाथ ने सीधे तौर पर पहली बार ये स्वीकार किया है कि उनकी चर्चा बसपा और अन्य दलों के साथ चल रही है।

वहीं अखिलेश यादव की आज मध्यप्रदेश में मौजूदगी के दौरान कमलनाथ से चर्चा के सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिए मुलाकात होती है कि नहीं होती है, ये अलग बात है, लेकिन हम अखिलेश यादव के संपर्क में भी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा 31 प्रतिशत वोट लेकर 2014 में ये कहती रही कि उन्हें जनादेश मिला है। वो इसलिए कि वोट का बिखराव होता है। लेकिन इस बार हम वोटों का बिखराव कर भाजपा को नहीं जीतने देना चाहते। इसलिए समान विचारधारा के दलों को साथ आना चाहिए।