नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार से तीन अफ्रीकी देशों के दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान वह सबसे पहले रवांडा पहुंचेंगे। नरेंद्र मोदी चारों तरफ भूमि से घिरे और दिल्ली से भी कम आबादी वाले इस देश की यात्रा करनेवाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। चीन के राष्ट्रपति भी रविवार को रवांडा पहुंचे थे। ऐसे में सवाल यह है कि वह कौन सी बड़ी वजह है जो रवांडा जैसे छोटे मध्य अफ्रीकी देश को इतना खास बनाती है?
PM Modi will visit Rwanda on three-day African countries, give 200 cows in gift
रवांडा को 200 गायों का तोहफा
पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान रवांडा को 200 गायें देंगे। इन गायों को देश के पूर्वी प्रांत में ‘गिरिंका कार्यक्रम’ के तहत खरीदा जाएगा, जिसके मुताबिक, हर गरीब परिवार के लिए 1 गाय का होना अनिवार्य है। इस कार्यक्रम के तहत मिली गायों से जन्मीं पहली बछिया को पड़ोसी को तोहफे में देना अनिवार्य है। इस तरह से रवांडा में गरीब से गरीब परिवार के पास भी जीवनयापन का एक सहारा रहता है।
रवांडा से यह सीख सकता है भारत
रवांडा की राजधानी किगली से भारत के मेट्रो शहर काफी कुछ सीख सकते हैं, खासतौर पर नई दिल्ली। यहां की सफाई और सार्वजनिक परिवहन की समय की पाबंदी जरूर सीखने लायक है क्योंकि रवांडा में असली विकास साल 1994 के बाद ही शुरू हुआ है। इससे पहले रवांडा खूनी गृहयुद्ध और नरसंहार का गवाह रहा है।
चीन के राष्ट्रपति भी गए हैं रवांडा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले रविवार को ही चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी रवांडा पहुंचे थे। यह पहली बार है जब कोई चीनी राष्ट्रपति रवांडा गए हों। हालांकि, भारत और चीन दोनों ही एशियाई शक्ति हैं और अफ्रीकी देशों से मेलजोल बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण वहां मौजूद प्राकृतिक संसाधन हैं।
महिला सशक्तीकरण में अव्वल है रवांडा
सबसे पिछड़े महाद्वीपों में शामिल अफ्रीका का देश रवांडा महिला सशक्तीकरण के मामले में भारत से भी काफी आगे है। जहां, भारत की संसद में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक सालों से लंबित पड़ा हुआ है तो वहीं रवांडा ऐसा देश है जहां कि संसद में दो तिहाई महिलाएं सांसद हैं। यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा है। दो दिवसीय रवांडा दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी 24 जुलाई को यूगांडा जाएंगे और फिर दक्षिण अफ्रीका पहुंचेंगे। यहां मोदी जोहांसबर्ग में होने वाले 10वें ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत करेंगे।