नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर पर आपको फिर प्रदर्शनकारी अपनी आवाज उठाते दिखाई दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन पर लगी रोक हटाए जाने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में प्रदर्शनों पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकती, जंतर-मंतर और बोट क्लब पर प्रदर्शनों से रोक हटाई जाए। रोक हटाने का फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नई गाइडलाइन्स बनाने को कहा है।
Supreme Court verdict: Jantar-Mantar can perform protest, stop
कोर्ट ने मजदूर किसान शक्ति संगठन और अन्य लोगों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। याचिकाओं के जरिए सेंट्रल दिल्ली में शांतपूर्ण ढंग से प्रदर्शन को इजाजत दिए जाने की मांग की गई थी। याचियों की दलील थी कि प्रदर्शनों पर रोक से लोगों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।
साल 2017 में नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूलन यानी एनजीटी के आदेश के बाद जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन नहीं हो रहे। 10 अक्टूबर से पुलिस ने यहां प्रदर्शनों को बंद करा दिया था। जनवरी के महीने में सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर एमसीडी, दिल्ली पुलिस और एनडीएमसी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा था कि उन्हें जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन से रोक दिया गया है और यह उनके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) के आदेश को चुनौती दी थी। एनजीटी ने दिल्ली सरकार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शनों और सभाओं के आयोजन पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया था। एनजीटी ने कहा था कि विरोध-प्रदर्शन रामलीला मैदान में हो सकते हैं।