जीएसटी की मदद से रोड ट्रांसपोर्ट को सरल करेगी सरकार, जल्द खत्म हो इंस्पेक्टर राज

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दिल्ली। गाड़ियों की आवाजाही के लिए देश में जल्द ही परमिट और इंस्पेक्टर राज खत्म हो सकता है। सरकार गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की मदद से रोड ट्रांसपॉर्ट को सहज बनाना चाहती है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘जीएसटी काउंसिल ने सिफारिशें मान ली हैं और अब संबंधित विभाग इस पर काम शुरू करेंगे।’
जीएसटी काउंसिल ने पिछले साल एक टास्क फोर्स बनाई थी, जिसने हर तरह के चेकपोस्ट, रोड टैक्स, पॉलूशन और फिटनेस सहित सभी तरह के स्टेट और नैशनल परमिट हटाने का सुझाव दिया है।
Government will simplify road transport with the help of GST, soon end inspector Raj
गाड़ियों की आवाजाही को सुगम बनाने के सुझाव देने की जिम्मेदारी टास्क फोर्स को दी गई थी। इसने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘वैल्यू ऐडेड टैक्स और एंट्री टैक्स खत्म होने के बाद किसी राज्य के अंदर गाड़ियों की आवाजाही के लिए परमिट सिस्टम की जरूरत नहीं रह गई है। इसलिए स्टेट परमिट, नैशनल परमिट के सिस्टम को खत्म किया जाना चाहिए।’ जीएसटी काउंसिल ने पिछले शनिवार की मीटिंग में इस रिपोर्ट की समीक्षा की।

देश में पिछले साल 1 जुलाई से जीएसटी लागू हुआ था। केंद्र और राज्य स्तर के कई टैक्स की जगह सिंगल टैक्स के रूप में जीएसटी को लाया गया था। इससे देश भर में गाड़ियों के जरिये सामान की ढुलाई आसान हुई है। जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों की सीमाओं से सारे चेकपोस्ट हटाए गए, जिससे माल ढुलाई तेज हुई है। हालांकि, ट्रकों और कमर्शियल ट्रांसपोर्टर्स को अभी भी कई बैरियर्स का सामना करना पड़ता है और दूसरे तरह की जांच-पड़ताल के लिए उन्हें रोका जाता है। समिति ने सालभर की वैलिडिटी वाला फिटनेस सर्टिफिकेट लाने का सुझाव दिया है।

रोड टैक्स, परमिट और पॉल्यूशन चेक जैसे मानकों के आधार पर यह इश्यू किया जाएगा। उसने ई-वे बिल के डेटा को रीजनल ट्रांसपोर्ट डेटा बेस से जोड़ने का सुझाव दिया है। इससे फिटनेस, पॉल्यूशन और परमिट सहित गाड़ियों से संबंधित सभी डेटा को इंटीग्रेट किया जा सकेगा। इस योजना के मुताबिक, ट्रांसपॉर्ट डेटाबेस के आधार पर गाड़ी के फिट पाए जाने के बाद ही ई-वे बिल जेनरेट किया जा सकेगा। इस डेटाबेस का विस्तार भी किया जा सकता है। इसमें पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट और नेशनल परमिट सहित गाड़ी की सभी डिटेल्स को शामिल किया जा सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री माल ढुलाई करने वाली सभी गाड़ियों में जीपीएस टेक्नॉलजी के इस्तेमाल को अनिवार्य बना सकती है। उसने सुझाव दिया है कि सभी एन्फोर्समेंट एजेंसियां हर जांच या चेकिंग के रिकॉर्ड दर्ज करें। उसने कहा है कि ई-वे बिल सिस्टम का इस्तेमाल सभी डिपार्टमेंट्स के लिए आइडेंटिटी क्रिएट करने की खातिर किया जा सकता है, जिससे उन्हें वेरिफिकेशन रिपोर्ट्स तैयार करने में मदद मिलेगी।