मुंबई। इनकम टैक्स के अधिकारी आने वाले महीनों में टैक्स डिडक्शन आॅन सोर्स के मामलों में रहने वाला है। खासतौर पर इनकम टैक्स विभाग की ऐसे मामलों पर नजर रहेगी, जिनमें प्रवासी भारतीयों की ओर से प्रॉपर्टी की सेल की गई हो या अन्य इंटरनैशनल ट्रांजैक्शंस पर यह डिडक्शन हुआ हो। यही नहीं टैक्स का अनुपालन न किए जाने को लेकर सर्वे भी कराए जाएंगे।
Now the Income Tax Department will look at Real Estate Deals of Overseas Indians
बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस फैसले की काफी आलोचना भी की जा रही है और कहा जा रहा है कि इससे छोटे टैक्सपेयर्स का उत्पीड़न बढ़ेगा। बीते फाइनैंशल इयर में आईटी डिपार्टमेंट ने कई नोटिस जारी किए थे, जिनमें शॉर्ट डिडक्शन या टीडीएस में देरी जैसे मामले भी शामिल थे। इनमें से तमाम मामले छोटे कारोबारी प्रतिष्ठानों के खिलाफ भी थे।
31 मार्च, 2019 को समाप्त हो रहे मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने ऐक्शन प्लान के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इसकी तैयारी की है। बोर्ड का कहना है कि हमारा ऐसे मामलों पर जोर रहेगा, जिसमें किसी प्रवासी भारतीय ने प्रॉपर्टी की खरीद हो। ऐसे मामलों में बायर सिर्फ एक फीसदी ही टीडीएस चुकाता है, जबकि यह 20 पर्सेंट के करीब होना चाहिए। बोर्ड का कहना है कि ऐसे मामले हाई रिस्क वाले हैं और इनसे प्राथमिकता के आधार पर निपटना चाहिए।