पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक नारी निकेतन (बालिका गृह) में बच्चियों के साथ लंबे समय से रेप होने के मामले में नया खुलासा हुआ है। मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, रेप के कारण चार बच्चियां प्रेगनेंट हो गई थीं, जिसके बाद उनका जबरन अबॉर्शन भी कराया गया। कहा जा रहा है कि अबॉर्शन कराने वालों में बालिका गृह की महिला कर्मचारी शामिल थीं।
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पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सूत्रों से जानकारी मिलने के बाद यह दावा किया गया है। मालूम हो कि बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 24 लड़कियों की मेडिकल जांच में सामने आया था कि उनके साथ रेप और मारपीट भी हुई। कई बच्चियों नशीली दवा दी जाती थीं और उनके शरीर पर जले के निशान भी हैं। दूसरी ओर इस मामले में पटना हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, जिसपर कोर्ट तुरंत सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
सीबीआई से जांच कराने की मांग
इस केस की सुनवाई गुरुवार को होगी। याचिका में मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है। इस मामले को लेकर बिहार की सियासत गर्म है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और जीताराम मांझी बुधवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे। वहीं बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ, जिस कारण सदन नहीं चल पाया। विपक्षी नेताओं ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी की और सीबीआई जांच की मांग की।
बच्चियों के मामले को लेकर बुधवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहित कई विपक्षी नेताओं ने बालिका गृह का दौरा किया। तेजस्वी ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग दोहराते हुए आरोप लगाया कि सरकार आरोपियों को बचाने में लगी है। उसकी शिकायत पर प्राथमिकी भी दर्ज नहीं हुई। इसी तरह बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह की बच्चियां बलात्कार की शिकार हुईं। केवल कानून के लागू होने से हालात बदलें, यह जरूरी नहीं है।
मुजफ्फरपुर में एनजीओ संचालित करता था बालिका गृह
मुजफ्फरपुर जिले के सरकारी सहायता प्राप्त शेल्टर होम का नाम ह्यबालिका गृहह्ण है, जो एक एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति की ओर से चलाया जाता है। पिछले साल मुंबई के संस्थान टाटा इंस्टिट्यूट आॅफ सोशल साइसेंस की टीम यहां पर दौरा करने आई थी। इसके बाद टीम ने आॅडिट रिपोर्ट में यहां बच्चियों के यौन शोषण होने का खुलासा किया। रिपोर्ट के बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई। ह्यबालिका गृहह्ण का संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 आरोपी जेल में हैं, जबकि एक फरार है। सभी आरोपियों में आठ महिलाएं भी हैं, इनमें से कई बच्चियों की देखरेख के लिए रखी गई थीं।