प्रदेश में मानहानि की नूराकुश्ती खेल रहे पक्ष-विपक्ष, दिग्विजय का ऐलान देशद्रोह मामले में जाएंगे कोर्ट

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भोपाल। प्रदेश में सरकार और विपक्ष के बीच पिछले 15 साल से मानहानि का खेल चल रहा है। दोनों ही पक्ष के नेता एक-दूसरे पर मानहानि का केस कर रहे हैं, नोटिस भिजवा रहे हैं, लेकिन अभी तक एक भी केस में न तो किसी की मानहानि हुई है और न ही सजा हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक बार फिर देशद्रोह के आरोप में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। जबकि दिग्विजय मिस्टर बंटाढार एवं 15 हजार करोड़ के घोटाले के आरोप में भाजपा नेताओं के खिलाफ पहले ही मानहानि का केस दर्ज कर चुके हैं।
Opposition, Digvijay’s decision to go to court for defamation in Uttar Pradesh
2003 के विधानसभा उपचुनाव से पहले भाजपा नेत्री उमा भारती, प्रभात झा एवं पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा समेत अन्य नेताओं ने दिग्विजय सिंह पर मिस्टर बंटाढार एवं 15 हजार करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप लगााए थे। सरकार जाने के बाद दिग्विजय ने इन सभी भाजपा नेताओं को मानहानि का नोटिस भिजवाया, फिलहाल मामला कोर्ट में है। जिसमें समझौते की तैयारी है। इसी तरह मुख्यमंत्री ने व्यापमं घोटाला के आरोप लगान्रे पर कांग्रेस नेता केके मिश्रा पर मानहानि का केस किया। इस केस में अभी सुनवाई चल रही है। मुख्यमंत्री ने पिछले महीने मानहानि केस में केके मिश्रा के खिलाफ बयान दर्ज कराए। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में मिश्रा को विकृत मानसिकता वाला व्यक्ति बताया। इस मामले में मिश्रा ने मुख्यमंत्री को नोटिस भिजवाया है।
अजय सिंह पर मानहानि
2013 के विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री के परिजनों को लेकर मर्यादित शब्दों का प्रयोग किया था। जिस पर मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष पर मानहानि का केस किया। फिलहाल यह मामला भी कोर्ट में विचाराधीन है।