भैया, कांग्रेस तो ऐसे ही चलती हैं, बीजेपी नहीं है दौड लगाये..

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ब्रजेश राजपूत की ग्राउंड रिपोर्ट

दृश्य एक। भोपाल में लिंक रोड नंबर वन पर गुरूवार की दोपहर दूर दूर तक कांग्रेस के कार्यकर्ता ही कार्यकर्ता दिख रहे थे। किसी के हाथ में कांग्रेस पार्टी का झंडा था तो कोई प्लेकार्ड तो कुछ लोग होर्डिग्स उठाये थे। और इन्हीं सब ढेरो कार्यकतार्ओं के बीच घिरे हुये चल रहे थे दिग्विजय सिंह। इकहत्तर साल के दिग्विजय सिंह का ये गिरफ्तारी मार्च था टीटी नगर थाने की ओर। सीएम शिवराज सिंह ने दिग्विजय को देशद्रोही की श्रेणी में रखने वाला नेता कहा था जिसके विरोध में दिग्गी राजा और उनके समर्थक निकले थे विरोध जताने।
Brother, Congress runs like this, BJP is not running.
कांग्रेस दफतर के बाहर खडे दिग्विजय के भाई लक्ष्मण सिंह कहते हैं दूर दर से लोग आ रहे हैं राजा साहेब के समर्थन में। तो क्या ये राजा साहेब का शक्ति प्रदर्शन है.. नहीं बिलकुल नहीं…तेज कदमों से थाने की ओर जाते जाते जबाव दिया था दिग्विजय सिंह ने आगे जोडा तुमने देखा मैं तो अकेले ही दिल्ली से आज सुबह आया हूं। और वो मुस्कुराकर आगे निकल गये। दिग्विजय सिंह की इसी मुस्कान का अर्थ समझना मुश्किल होता है। ये मार्च कितना दिग्विजय सिहं का और कितना पार्टी का था लोग इसका अंदाजा अब तक लगा रहे हैं।

क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया ने उनको पार्टी कार्यालय से ही टाटा बाय बाय कर रवाना कर दिया था। कांग्रेस कार्यालय से थाने यानिकी दो किलोमीटर तक ये नेता भी चल लेते तो लगता दिग्गी शिवराज के साथ की इस लडाई में अकेले नहीं हैं। मगर राजनीतिक जानकार कह रहे हैं कि शिवराज के फैलाये जाल में दिग्गी राजा भले ही फंस जायें कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं फंसेगे।

बीजेपी चाह रही है ये चुनाव शिवराज विरूद्व दिग्विजय हो जाये तभी तो शिवराज अपनी जन आशीर्वाद की सभाओं में कमलनाथ और सिंधिया को याद भी नहीं करते मगर दिग्विजय सिंह ओर उनके कार्यकाल की बातों के बिना उनका भाषण पूरा नहीं होता। हांलाकि कई बार उल्टा भी हो जाता है वो उस दिन सतना के उचेहरा में शिवराज दिग्गी राजा के कार्यकाल के बिना बिजली के दिनों की याद दिला रहे थे और उनके पंडाल की बत्ती ही गोल हो गयी थी।

दृश्य दो। कांग्रेस के दफतर की तीसरी मंजिल पर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के कमरे के बाहर लोग जमा हैं। कांफ्रेंस हाल के दरवाजे लगे हैं और उनमें लगे शीशों में से लोग झांक कर देखने की असफल सी कोशिश करते हैं। परिंदा भी पर नहीं मार सकता के अंदाज में होने वाली ये बैठके पार्टी के प्रकोष्टों और संगठनों की होती है मगर पूरी गंभीरता से की जातीं हैं। कमलनाथ के दिल्ली, भोपाल, छिंदवाडा के दौरों के अलावा भी अब दौरे बनने लगे हैं।

कांग्रेस की राजनीति को करीब से देखने वाले रशीद किदवई कहते हैं कि दस लोकसभा चुनावों का लंबा राजनीतिक अनुभवी रखने वाले कमलनाथ की तुलना शिवराज से नहीं कर सकते जो यात्रा लेकर आशीर्वाद लेने निकल पडे हैं। मगर कमलनाथ कहते हैं शिवराज सिंह आशीर्वाद मांगने नहीं, आशीर्वाद बांटने निकले हैं उनको जनता से माफी मांगते हुये क्षमा यात्रा निकालनी चाहिये प्रदेश की हालत खराब है। वोट मांगने की यात्रा पर तो कमलनाथ भी निकलेंगे लेकिन राहुल गांधी के साथ जब चुनाव नजदीक आयेंगे। ये कांग्रेस के अध्यक्ष का अंदाज है मानो या ना मानो।

दृश्य तीन। कांग्रेस दफ्तर में भारी भीड है ज्योतिरादित्य सिंधिया शाम को ही दिल्ली से आये हैं चुनाव अभियान समिति की बैठक कर पार्टी दफ्तर से नीचे उतरने को हैं लोग भीड लगाकर मुंह दिखाने को उत्सुक हैं। सिंधिया फरार्टे से आते हैं बालों पर हाथ फेरते हुए कार में चढते हैं वहीं से अपने समर्थकों से एक दो सूत की माला लेकर रात नौ बजे निकल पडते हैं होशंगाबाद की ओर।

जहां संभागीय समिति की बैठक लेकर फिर उनको इंदौर जाना है। उधर संसद चल रही है तो सिंधिया संसद में पार्टी के मुख्य सचेतक भी हैं उनकी व्यस्तता वहां भी है और यही चिंता उनको हैं कि प्रदेश और देश की राजनीति की एक साथ कैसे संभाले। चिंता तो उनके समर्थकों को भी है अब महाराज को प्रदेश में ज्यादा समय देना चाहिये वरना बना बनाया माहौल बिगड जायेगा कांग्रेस का।

ये कांग्रेस के तीन बडे नेता हैं तीनों सांसद हैं और तीनों संसद के साथ प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं इन तीनों पर ही कांग्रेस को तीन चुनावों में मिली हार के बाद अब सत्ता में वापसी कराने की जिम्मेदारी है तीनों के अपने अपने एजेंडें हैं तीनों की राजनीति में काम करने के अपने अपने तरीके हैं मगर ये तय हे की इन तीनों की जुगलबंदी ही कांग्रेस का विधानसभा चुनावों में परिणाम तय करेगी।

आखिरी दृश्य। कांग्रेस की रैली में मैं अपने आगे चलने वाले कार्यकर्ता की धीमी चलने की रफतार पर खीज कर कहता हूं भैया जल्दी जल्दी चलो तुम्हारे नेता जी आगे निकल गये। भैया जी पलटकर घूरते हैं कहते है बडे भाई ये कांग्रेस है अपनी गति से चलेगी दोड़ लगानी है तो बीजेपी में जाना चाहिये आपको ! भैया जी ने बातों बातों में बहुत कुछ कह कर मुझे आगे जाने का रास्ता दे दिया।

एबीपी न्यूज, भोपाल