नई दिल्ली। बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गई। असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर मंगलवार को अमित शाह के बयान पर फिर हंगामा हुआ। कांग्रेस के सांसद आनंद शर्मा ने अमित शाह के बयान के उस हिस्से को रिकॉर्ड से हटाने की मांग की जिसमें राजीव गांधी के बाद के पीएम के साहसों पर कथित टिप्पणी की गई थी।
There is a standoff in the Rajya Sabha on NRC, Shah’s statement continues
सभापति वेंकैया नायडू ने परंपरा का आश्वासन देते हुए अमित शाह को वक्तव्य पूरा करने के लिए आमंत्रित किया पर हंगामे के बीच सदन चल नहीं पाया। सदस्यों के हंगामे के बीच वेंकैया नायडू ने भी नाराजगी जाहिर की। हालांकि बाद में सदन में गतिरोध समाप्त करने लिए सभापति नायडू और अमित शाह की मुलाकात भी हुई है।
आपको बता दें कि संसद के उच्च सदन की कार्यवाही मंगलवार को असम एनआरसी मुद्दे के कारण बार-बार बाधित हुई। तब विपक्ष द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह की टिप्पणी पर विरोध के कारण दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। शाह ने विपक्ष पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। शाह ने अपने वक्तव्य में कहा था कि राजीव गांधी के समय समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। शाह ने कहा कि आपके अंदर लागू करने का साहस नहीं था, हमारे अंदर साहस था, इसलिए कर रहे हैं।
बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही आनंद शर्मा ने फिर इस मामले को उठाया। आनंद शर्मा ने कहा कि राजीव गांधी के बाद नरसिम्हा राव, देवगौड़ा, अटल बिहारी वाजपेयी और डॉ मनमोहन सिंह समेत सारे सम्मानित पीएम हुए। उन्होंने अमित शाह का नाम लिए बिना कहा कि एक सदस्य ने इन प्रधानमंत्रियों को बुजदिल बताया और कहा कि इनके अंदर हिम्मत नहीं थी। आनंद शर्मा ने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं और इसे रिकॉर्ड से हटाया जाए।
इस बीच सभापति वेंकैया नायडू ने सदन को चलते रहने का हवाला देते हुए एक बार अमित शाह को वक्तव्य पूरा करने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से यह पूरा नहीं हो पाया। बाद में राज्यसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
हमारी परंपरा देश पहले, पार्टी बाद में: अहमद पटेल
बाद में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने कहा कि बीजेपी साहस नहीं दिखा रही बल्कि सत्ता की भूख के लिए एनआरसी के मुद्दे पर देश में ध्रुवीकरण करना चाह रही है। पटेल ने कहा कि यह जानते हुए भी चुनावों में पार्टी को खामियाजा उठाना पड़ेगा, राजीव गांधी ने असम और पंजाब समझौते का समर्थन किया। इससे पहले जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए भी कांग्रेस अपनी सरकार कुर्बान कर चुकी है। अहमद पटेल ने कहा कि कांग्रेस की परंपरा देश को पार्टी से पहले रखने की है और यही साहस है।
वेंकैया नायूड ने जताई नाराजगी, कहा- कल मैं दुखी हुआ
राज्यसभा में आनंद शर्मा समेत अन्य सदस्यों के हंगामे के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने नाखुशी जाहिर की। नायडू ने थोड़े तल्ख तेवर में कहा कि कल जब कुछ सदस्य वेल में भागे आए तो मुझे बहुत दुख हुआ। उन्होंने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि इसे दोहराया नहीं जाएगा। मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता लेकिन सदन को शांतिपूर्ण तरीके से चलना चाहिए।’