योगी के राज्य में भी मुजफ्फरपुर जैसी घटना: देवरिया में भी लड़कियों के यौन शोषण का मामला आया सामने

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देवरिया। बिहार के मुजफ्फरपुर की तरह ही देवरिया के एक बालिका गृह में वहां लड़कियों के साथ कथित यौन शोषण का मामला सामने आया है। एक बच्ची की शिकायत पर एसपी ने बालिका गृह से कई लड़कियों को रेस्क्यू कराया है। फिलहाल संस्था को सील कर दिया गया है। रविवार देर रात इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि एक आरोपी फरार है। पुलिस का दावा है कि संस्था से अभी 18 लोग गायब हैं, जिनमें बालिका गृह की महिलाएं, लड़कियां और बच्चे शामिल हैं।
In the state of Yogi, incident like Muzaffarpur: In case of Deoria, girls face sexual harassment
रविवार को मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा संचालित बालिका गृह से बिहार के बेतिया की रहने वाली एक बालिका किसी तरह यहां से भाग निकली। यहां से वह सीधे महिला थाने पहुंची और यहां उसने एसओ को संस्था के अंदर चल रही गतिविधियों की शिकायत की।

सेक्स रैकिट संचालन का आरोप
एसओ ने घटना की जानकारी एसपी रोहन पी कनय को दी। एसपी ने तत्काल संस्था के बारे में जानकारी एकत्र की। महिला हेल्पलाइन 181 की काउंसलर को बुलाया गया। लड़की ने अपने बयान में संस्थान से सेक्स रैकिट के संचालन का आरोप लगाया।

गैर-कानूनी ढंग से चल रहा था संस्थान
एसपी ने बताया कि पड़ताल में पता चला कि संस्थान की मान्यता साल 2017 में ही खत्म कर दी गई थी। संस्थान गैर कानूनी ढंग से संचालित हो रहा था। एसपी ने एक टीम बनाकर देर रात संस्थान में छापा डलवाया। छापेमारी के दौरान वहां 24 बच्चे और महिलाएं मिलीं। उन्हें वहां से निकालकर दूसरे सरकार द्वारा संचालित संस्थानों में अस्थायी तौर पर भेजा गया है।

संस्थान को सील कर दिया गया है। एसपी ने बताया कि संस्थान की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उनके पति मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं उनकी बेटी कंचनलता अभी फरार है। सोमवार को महिलाओं और बच्चों का मेडिकल कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

शेल्टर होम बंद करने का था आदेश
इस बीच महिला एवं बाल कल्याण विभाग की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि पिछले साल सीबीआई ने शेल्टर होम की जांच की थी। यह साफ था कि देवरिया का यह शेल्टर होम गैर-कानूनी ढंग से चल रहा था। इस तत्काल बंद करके वहां रह रही महिलाओं, लड़कियों और बच्चों को शिफ्ट करने के आदेश दिए गए थे लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया। संस्थान में कितने बच्चे, महिलाएं और लड़कियां रह रहे थे इसका भी कोई रेकॉर्ड वहां नहीं मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।