अनूठी मिसाल: चार भाई बने श्रवण कुमार, माता-पिता को कंधों में बैठाकर निकले कावड़ यात्रा पर

0
513

फरीदाबाद। आज के समय में जब लोग अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम पहुंचा रहे हैं, तब पलवल के चार भाई मां-बाप की सेवा के लिए अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं। पलवल के एक गांव में रहने वाले ये चारों भाई श्रवण कुमार की तरह अपने माता-पिता को कंधों पर बैठाकर हरिद्वार की कांवड़ यात्रा पर निकले।
Unique precedent: Four brothers, Shravan Kumar, parents on their shoulders traveling on the shoulders
पलवल के गांव फुलवाड़ी से करीब 32 लोगों का ग्रुप कांवड़ यात्रा पर निकला, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं। इसी समूह के बंसीलाल, राजू, महेंद्र व जगपाल ने समाज के लिए नजीर पेश की है। चारों भाई अपने 78 साल के पिता चंद्रपाल व 66 वर्ष की मां रूपवती को हरिद्वार से कंधों पर बैठाकर ला रहे हैं। एक तरफ पिता व दूसरी तरफ मां, हाथों में माला लेकर भगवान शिव के नाम की माला जप रही हैं।

रविवार को फरीदाबाद से पलवल की ओर जा रही कांवड़ यात्रा में इन श्रवण कुमारों को देखकर लोग अचंभित रह गए। पलवल के गांव फुलवाड़ी के ये भाई अपने बुजुर्ग माता-पिता को कंधों पर बैठाकर तीर्थ स्थल हरिद्वार से वापस लौटे हैं। मां-बाप के प्रति उनका यह भाव देखकर सेक्टर 28-29 चौक स्थित शिव शक्ति कांवड़ शिविर संचालक नरेंद्र, राहुल, अमित बंसल, दीपक, कुलदीप, पवन, सुरेश, विशाल ने उन्हें भगवान शिव की प्रतिमा देकर सम्मानित किया।

राजू ने बताया कि वह 24 साल से पैदल कांवड़ लेकर आ रहे हैं। इस बार समाज को संदेश देने के लिए भाइयों की मदद से माता-पिता को तीर्थयात्रा कराई है। पिता चंद्रपाल व मां रूपवती का कहना है कि उन्हें बेटों के सेवा करने से बेहद गर्व महसूस हो रहा है। अगर हर बेटा अपने माता-पिता की देखभाल करेगा, तो हमारा समाज और बेहतर हो जाएगा।