सुप्रीम कोर्ट पहुंचा बिजली बिल माफी का मामला, सरकार पर लगाए आरोप

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भोपाल। मप्र सरकार की सरल बिजली बिल और बकाया बिजली बिल माफी योजना को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने भाजपा का वोटबैंक पुख्ता करने यह योजना बनाई है। पहले इन योजनाओं के खिलाफ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसे खारिज कर दिया गया था।
Supreme Court extends case to power bill, allegations leveled against government
याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे व डॉ.एमए खान ने आरोप लगाया कि राज्य शासन का बिजली बिल माफी का निर्णय मनमाना है। इसके पीछे राजनीतिक लाभ लेने की मंशा स्पष्ट है। लिहाजा, हाईकोर्ट को अग्रिम राशि जमा करवानी चाहिए थी। पूर्व में ऐसा किया जा चुका है।

चूंकि हाईकोर्ट ने जनहित याचिका खारिज कर दी। अत: उस आदेश को पलटवाने सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य शसन और बिजली कंपनी के बीच के मामले में दखल से साफ इनकार करते हुए 13 जुलाई 2018 को जनहित याचिका खारिज कर दी थी।

मु य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने साफ किया था कि यदि सरल बिजली योजना और बकाया बिजली बिल माफी योजना के कारण भविष्य में उपभोक्ताओं पर बिजली के रेट बढ?े का बोझ आएगा तो उसके खिलाफ विद्युत नियामक आयोग के समक्ष अपील का रास्ता खुला हुआ है।