देश में अब योजनाबद्ध तरीके से होने लगा है बलात्कार!

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बलात्कार की घटनाएं अब सूनी सड़कें, खाली बस, अंधेरी रात, अकेली लड़की, छोटे कपड़े इन सब बहस से कहीं आगे बढ़ चुकी है। अब बलात्कार व्यवस्थित तरीके से होता है। सुप्रीम कोर्ट ने देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंताई जताई। अदालत ने प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया से कहा कि देश में किसी भी मामले में यौन उत्पीड़न की घटना की पीड़िताओं की तस्वीरें किसी भी रूप में प्रकाशित या प्रसारित-प्रदर्शित नहीं की जाए।
Now the country has started rape in a planned way!
व्यवस्थित तरीके से मेरा अभिप्राय है दो तरीकों से है। पहला जो व्यवस्था में बैठकर लोग अंजाम देते हैं, जैसे मुजफ्फरपुर बालिका गृह केस। दूसरा वे लोग जिन्हें व्यवस्था से कोई डर नहीं। समूह में किसी लड़की का नियोजित तरीके से यौन शोषण करना फिर वीडियो बनाना फिर उसे लीक करने की धमकी देना। और कई बार वीडियो वायरल भी कर देते हैं। इन्हें व्यवस्था से डर नहीं, गया का केस याद करिए, जहानाबाद की उस नाबालिग बच्ची को याद करिए जिन्हें 5-6 लड़को ने घेर रखा था। व्यवस्था से नहीं डरने का एक कारण इनका खुद पर आत्मविश्वास है कि इज्जत बचाने की बोझ से दबी लड़की कानून तक पहुंचेगी कैसे!

जहानाबाद घटना इस बात का सबूत है कि हम एक बलात्कारी समाज में रह रहे हैं महिलाओं से संबंधित सोशल लेजिस्लेशन की कमी नहीं है। संविधान का मौलिक अधिकार हो या नीति निदेशक तत्व, फिर समय-समय पर कानून बना और संशोधन भी होते चले जा रहे, लेकिन बलात्कार और सुव्यवस्थित और बेखौफ तरीके से होने लगा। पिछले दिनों हुई सारी घटनाओं को देख लीजिए। उन्नाव, कठुआ, अब मुजफ्फरपुर हर जगह व्यवस्था वाले लोग हैं।

लेकिन व्यवस्था में बैठे लोग इतने ताकतवर होते हैं, व्यवस्था में बैठे हुए लोगों के पास अखंड शक्ति होती है क्या? तिस पर उस देश में जो विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश हो? बलात्कार एक व्यवस्थित अपराध बन जाता है जब समाज अपनी आंख मूंद लेती है, जहां बाप, बेटी को, मामा, भगिनी को गर्भवती करे, जहां बहने भाई के खिलाफ और छात्राएं, शिक्षक के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज़ कराए।

अपराधों में आगे है एमपी
मध्य प्रदेश की स्थिति यहां पर भी खराब है। आंकड़ों के मुताबिक महिलाओँ के साथ शील भंग करने के उद्देश्यपूर्वक किए गए अपराधों में मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। साल 2015-16 में इस तरह के कुल 84 हजार 746 मामले दर्ज किए गए, जिनमें मध्य प्रदेश में ऐसे 8717 मामले सामने आए। सबसे ज्यादा खराब स्थिति महाराष्ट्र की रही, जहां ऐसे 11 हजार 396 मामले दर्ज किए गए वहीं उत्तर प्रदेश में 11 हजार 334 मामले सामने आए।

क्या कहते हैं NCRB के आंकड़े
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में महिलाओं की वास्तविक स्थिति ठीक नहीं है। साल 2015-16 के इन जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में रेप की सबसे ज्यादा घटनाएं मध्य प्रदेश में हुई हैं।

  • मध्य प्रदेश ही इकलौता ऐसा राज्य बन चुका है, जिसमें साल दर साल रेप की घटनाएं घटने के बजाए बढ़ती जा रही हैं।
  • ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछली बार से प्रदेश में रेप के मामलों में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि भी हुई है।
  • साल 2015-16 में देशभर में रेप के कुल 38 हजार 947 मामले दर्ज किए गए, जिनमें अकेले मध्य प्रदेश में ही 4 हजार 882 मामले सामने आए हैं।
  • पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की स्थिति दूसरे नंबर की है। यहां पर रेप के 4 हजार 816 मामले दर्ज किए गए हैं, वहीं महाराष्ट्र में 4 हजार 189 मामले दर्ज किए गए।