चेन्नै। डीएमके चीफ एम. करुणानिधि के निधन के कुछ दिन बाद ही परिवार में भाई-भाई के बीच सत्ता संघर्ष शुरू हो गया है। सोमवार को करुणानिधि के समाधि स्थल जाकर उनके बड़े बेटे एम. के. अलागिरी ने दावा किया कि पूरा असली डीएमके काडर उनके साथ है। आपको बता दें कि अलागिरी को कुछ साल पहले पार्टी से निकाल दिया गया था और तब से वह पार्टी पॉलिटिक्स से दूर थे। एक साल पहले ही उनके छोटे भाई और करुणानिधि के दूसरे बेटे स्टालिन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष भी बना दिया गया था।
The fight started in the fight against the political heritage in the DMK, Alagiri said – the real DMK with me
अब पिता की मौत के एक हफ्ते बाद ही अलागिरी ने पार्टी पर अपनी दावेदारी जता दी है। उन्होंने खुद को करुणानिधि की राजनीतिक विरासत का असली वारिस बताया है। उन्होंने स्टालिन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के फैसले पर भी सवाल उठाए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में सत्ता को लेकर परिवार में संघर्ष बढ़ सकता है। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब मंगलवार को डीएमके की अहम बैठक होनेवाली है।
पार्टी से निकाले गए लागिरी को दोबारा पार्टी में शामिल किए जाने की मांग तेज हो गई है। उन्होंने खुद कहा है कि पार्टी में जो कुछ हुआ है उससे उन्हें दुख हुआ है। सोशल मीडिया पर समर्थन में कई विडियो शेयर किए जा रहे हैं और पोस्टर के जरिए करुणानिधि के बेटे दयानिधि अलागिरी को भविष्य के नेता के तौर पर प्रॉजेक्ट किया जा रहा है। ऐसे में डीएमके के प्रवक्ता भी अलागिरी के मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
क्या बोले अलागिरी
अलागिरी ने पिता को श्रद्धांजलि देने के बाद सोमवार को कहा, ‘मेरे पिता के असली करीबी सभी मेरी तरफ है। तमिलनाडु में सभी समर्थक मेरे साथ है और मुझे प्रोत्साहित कर रहे हैं। समय बताएगा कि मैं अभी क्या कुछ कहना चाहता हूं।’
पार्टी से निकाले जाने पर कहा था- भरपेट भोजन करूंगा
करुणानिधि के बड़े बेटे अलागिरी को 2014 में बीजेपी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और तमिलनाडु के एमडीएमके पार्टी के जनरल सेक्रेटरी वाइको से मिलना महंगा पड़ा था। इस बात से नाराज करुणानिधि ने अलागिरी को पार्टी से बाहर निकाल दिया था। पार्टी में उनकी प्राथमिकता सदस्यता को भी खत्म कर दिया था। पार्टी से निष्कासित होने के बाद उस समय अलागिरी ने कहा था कि वह अभी भरपेट भोजन करेंगे और फिर जी भर के सोएंगे।