पाक के राजनीतिक कप्तान बने इमरान, पीएम पद की ली शपथ

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। काले रंग की शेरवानी में तहरीक-ए-इंसाफ के पार्टी प्रमुख ने उर्दू में शपथ ली। इमरान के शपथ ग्रहण में कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के साथ कई पूर्व और मौजूदा पाकिस्तानी खिलाड़ी भी शामिल हुए। इस्लामाबाद में पूर्व पाक कप्तान ने सादे समारोह में शपथ ग्रहण किया। शुक्रवार को हुए शक्ति परीक्षण में नैशनल असेंबली ने उन्हें 176 वोटों के साथ देश का 22वां प्रधानमंत्री चुना है।
Imran, Pak’s political captain, sworn oath of PM
शपथ ग्रहण में पहुंची तीसरी पत्नी
इमरान के शपथ ग्रहण में बड़ी संख्या में सेना के वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे। उनकी तीसरी पत्नी बुशरा उर्फ पिंकी पीर भी समारोह में पहुंची। बुशरा वहां बिल्कुल पर्दे वाले लिबास में थीं और लगातार माला फिराती नजर आ रही थीं। उन्होंने समारोह में मौजूद कुछ महिलाओं से भी बातचीत की। आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने समारोह में कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात की और काफी देर तक बातचीत भी की।

इमरान की पार्टी 25 जुलाई को हुए चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। शुक्रवार को जब सदन के स्पीकर असद कैसर ने इमरान के जीतने का ऐलान किया तो वहां मौजूद पीएमएल-एन के सदस्य ‘ना मंजूर’ का शोर भी मचा रहे थे। हालांकि, आखिरकार कभी पाकिस्तानी क्रिकेट का सितारा रहे इमरान खान ने देश के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ही ली।

इमरान खान के पीएम बनने पर पूर्व क्रिकेटर सिद्धू ने कहा, ‘इमरान खान से पाकिस्तान के हरेक नागरिक को उम्मीद है। पाकिस्तान ही नहीं भारत के लोग भी इसे सकारात्मक पहल के तौर पर देख रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि पाक को वर्ल्ड कप दिलाने वाले कप्तान साहब प्रधानमंत्री के तौर पर भी सफल पारी खेलेंगे।’

जीनत से लेकर बुशरा, इमरान ने इन्हें दिया अपना दिल
रेहम खान से तलाक के बाद इमरान खान ने इसी साल अपनी धर्मगुरु बुशरा मनेका से तीसरी शादी की। हालांकि, इसके कुछ दिन बाद ही दोनों के बीच अनबन की भी खबरें आईं लेकिन फिलहाल दोनों साथ हैं। बता दें कि इमरान खान की जीत पर कुछ राजनीतिक विश्लेषकों ने चिंता जताते हुए यह भी कहा है कि वह सेना के समर्थन के कारण जीते हैं। इमरान पर पूर्व में आतंकी संगठन तालिबान के प्रति नर्म रवैया रखने का भी आरोप लग चुका है। चुनाव में जीत के बाद खान ने कहा था कि वह भारत के साथ अच्छे संबंधों के पक्षधर हैं। हालांकि, चीन को उन्होंने पाकिस्तान का मुश्किल वक्त में साथ देने वाला करीबी दोस्त बताया था।

साल 1996 में उन्होंने अपनी पार्टी का गठन किया। इमरान 2013 में चुनाव जीतकर पाक संसद पहुंचे। शुरूआत में उन्होंने राजनीतिक पार्टी गठन का उद्देश्य न्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को बताया था। 2018 के चुनावों में उन्होंने न्यू पाकिस्तान का नारा दिया और भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व पीएम नवाज शरीफ पर जमकर निशाना साधा। 2007 में इमरान खान की पहचान मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर बनी थी।