केरल बाढ़: यूएई के राजदूत ने कहा- हमने अधिकारिक तौर पर किसी मदद का ऐलान नहीं किया, भाजपा ने सूबे की सरकार पर बोला हमला

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नई दिल्ली। यूएई ने केरल को बाढ़ राहत राशि के लिए 700 करोड़ रुपये की सहायता राशि का आॅफर देने के दावे को खारिज कर दिया है। यूएई का कहना है कि अभी राशि और मदद के तरीके पर कुछ तय नहीं हो सका है। इसके बारे में हमने आधिकारिक रूप से न ही कुछ कहा है और भारत सरकार को कोई पेशकश भी नहीं की है। इसके बाद अब देश में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
Kerala floods: UAE’s ambassador said, “We have not officially announced any help, the BJP talked to the government of the province”
यूएई के राजदूत अहमद अल बन्ना ने शुक्रवार को कहा कि खाड़ी देश ने आधिकारिक तौर पर अभी तक किसी मदद का ऐलान नहीं किया है। अब यूएई के राजदूत के इस दावे पर बवाल मच गया है। अहमद अल बन्ना का बयान आते ही बीजेपी सूबे की लेफ्ट सरकार पर हमलावर हो गई। बीजेपी ने दावा किया कि यूएई की मदद की मनगढ़ंत बात ‘कम्युनिस्ट-इस्लामिक’ इसलिए रची गई ताकि देश को बदनाम किया जा सके।

बीजेपी ने हमला करते हुए कहा कि यह बेहद अजीब बात है कि सरकार की ओर से मदद का आॅफर ठुकराने की बात की गई, जबकि ऐसी कोई पेशकश की ही नहीं गई थी। अल बन्ना ने कहा कि यूएई ने सिर्फ एक इमर्जेंसी कमिटी गठित करने को कहा था ताकि लोगों से ईद के दौरान इस प्राकृति आपदा के लिए दान की अपील की जा सके। यूएई दूतावास के सीनियर अधिकारी ने बताया, ‘यूएई ने आधाकारिक रूप से केरल को किसी तरह की मदद की बात नहीं की है। हमने किसी भी सहायता के लिए भारत को कोई संदेश नहीं दिया है।’

कम्युनिस्ट-इस्लामिक गठजोड़ पर बीजेपी का अटैक
हालांकि यूएई के दूतावास के सीनियर अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ दिनों में हम केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए किसी योजना को तैयार करेंगे। बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट किया, ‘यह परेशान करने वाली बात है कि केरल में कम्युनिस्ट-इस्लामिक गठजोड़ एक अन्य देश की ओर से उस मदद पर खुश है, जो आॅफर ही नहीं की गई। दूसरी तरफ सेवा भारती जैसे संगठनों की मदद को खारिज किया जा रहा है क्योंकि उनसे वैचारिक असहमति है।’

विजयन के इस बयान से शुरू हुआ था विवाद
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब केरल के सीएम पिनराई विजयन ने कहा था कि केरल के सीएम पी विजयन ने कहा था कि अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयन ने पीएम मोदी के साथ फोन पर बातचीत में केरल के लिए 700 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की पेशकश की है। फिर इसके बाद केंद्र सरकार ने कहा था कि वह केरल के लिए की गई विदेशी मदद की सराहना करते हैं, लेकिन वर्तमान नीतियों के चलते वह इसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं। इसके बाद इस मामले पर केंद्र और केरल सरकार के बीच काफी बयानबाजी भी हुई।