कमल शक्ति, महिला शक्ति, वोट शक्ति

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ब्रजेश राजपूत की ग्राउंड रिपोर्ट

भोपाल के सीएम हाउस के अंदर गेट के पास ही हमेशा लगा रहने वाला पंडाल उस दिन खास तौर पर महिलाओं के लिये ही सजा था। पांच संभागों से आयीं सैकडों महिलायें मंच के सामने कुर्सियों पर डटकर बैठी थीं और उन्होंने गले में डाल रखा था सीएम शिवराज सिंह की बडी सी फोटो वाला कमल शक्ति का पहचान पत्र। सभी के कंधे पर सफेद झोला भी था जिसमें बीजेपी सरकार की महिलाओं को लेकर चलायी जाने वाली योजनाओं के आंकडों से भरी हुयी प्रचार पुस्तिकाएं और साथ में चुनाव प्रचार के दौरान गले में डालने वाला बीजेपी का लाल हरा पटका भी। उधर सामने मंच भी कम गुलजार नहीं था।
Kamal Shakti, Mahila Shakti, Vote Shakti
वहां बैठे हुये थे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस, बीजेपी की महिला मोर्चे की अध्यक्ष लता ऐलकर और इन सबके बीच विराजमान थे सीएम शिवराज सिंह पत्नी साधना सिंह के साथ। हमने अपने पास खडे बीजेपी के मीडिया सेल से जुडे मित्र से पूछा इनमें कौन हैं कमल शक्ति ये तो सब महिला मोर्चे की महिलाएं हैं जिनको आपने फिर सीएम हाउस बुला लिया, दावा किया था कि ये गैर राजनीतिक महिलाओं को पार्टी से जोडने का आयोजन होगा।

मित्र ने मुंह पर अंगुली रखकर चुप रहने का इशारा करते हुये धीरे से कहा कि भाई हर कुछ दिनों में नयी महिलाओं की भीड कहां से लायें। इनको ही प्रशिक्षण देकर बीजेपी का प्रचारक बना दिया जायेगा और ये ही नयी महिलाओं को जोड कर पार्टी आधार को बढायेंगीं।आप बाल की खाल मत निकालिये बस देखते ओर सुनते जाइये।


उधर मंच से सीएम शिवराज सिंह ने भी सुनाना शुरू कर दिया था। मैंने हमेशा महिलाओं के खिलाफ अत्याचार होते देखा है, पहले अपने गांव जैत में सडकों पर फिर पडोसियों के यहां और फिर घर में भी। हर कहीं महिलाओं को पुरूपों के मुकाबले हीन समझा जाता है मगर हमने तय है हम किसी को अबला नहीं रहने देंगे बेटी बोझ ना रहे इसके लिये हमने लाडली लक्ष्मी योजना फिर बेटी की पढाई के लिये पैसा फिर उसकी साइकिल के लिये फिर उसकी यूनिफार्म के लिये फिर उसके कालेज की पढाई के लिये फिर उसकी शादी के लिये मेरी सरकाज लगातार महिलाओं की मदद कर रही है।

अब हम आप महिलाओें को बिना काम के नहीं रहने देगे हमारी सरकार ने ये शुरू किया है वो शुरू किया है वगैरह वगैरह। इस लंबे अंतहीन भाषण के दौरान हमारे सामने बैठी महिलाओं के चेहरों पर भाव लगातार आ जा रहे थे। सीएम जब महिलाओं के शोषण की बात करते तो उनका चेहरा दुख में डूब जाता जब वो उनकी बेटियों की बात बताते तो महिलाओं के चेहरों पर चमक आ जाती और जब उन्होंने इन महिलाओं के रोजगार की बात की तो कुर्सी से उठने लगी थी महिलाएं।

ये शिवराज की बातों का सम्मोहन था। अपनी सरकार की योजनाओं की बात कर जब वो ये बताते हैं कि हमने बालिकाओं से ज्यादती करने वाले दरिंदों को फांसी देने का कानून बनाया है तो हाल तालियों से गूंज उठा। जिससे कुछ उंघ रहीं महिलाएं चेतन्य हो उठीं। ये तो है कि सीएम शिवराज सिंह ने महिलाओं के भाई ओर उनके बच्चों के मामा बनकर बडा वोट बैंक तो अपना बना ही लिया है।

धार से आयीं शशि सिसोदिया कहती हैं कि हम यहां से जायेंगे ओर पचास पचास महिलाओं को शिवराज भैया के वोटर बनायेगे। कैसे बनाओगी भला! इस पर वो कभी कालेज का मुंह नहीं देखने वाली महिला बोलती है हम अपनी सहेलियों का महिला मंडल बनायेगे उनको वाटस अप ग्रुप से जोडेगे फिर उनके साथ राखी और जन्माष्टमी गणेश उत्सव मनायेगे और अपने घर पर चाय पोहा पार्टी भी करेगे और शिवराज सरकार के काम और पुरानी सरकार के कामकाज की तुलना कर बतायेंगे।

मैं ये सब सुनकर हैरान था। तभी उसने कमल शक्ति के कंधे पर लटके बैग में हाथ डालकर एक कागज निकाला और कहा देखिये ये सब इसमें लिखा है। अब चौंकने की बारी मेरी थी दो पन्ने के इस कागज पर उपर लिखा था मैं बनाती हूं संसार अब मैं बनाउंगी सरकार। सरकार बनाने के लिये कैसे पचास पचास महिलाओं को पहले जोडकर फिर उनको मतदान केंद्र तक ले जाने की पूरी योजना इस कागज में ब्यौरेवार लिखी थी।

उधर कार्यक्रम खत्म हो गया था और शिवराज सिंह घर आयीं महिलाओं की फरमाइश पर उनके साथ फोटो सेल्फी लेने में व्यस्त हो गये थे। ढेर सारी महिलाएं कुर्सी छोड मंच पर थीं और सीएम इन सबके बीच धक्का मुक्की में तकरीबन बुरी तरह से घिरे थे। इधर मैं इस आयोजन से मंत्रमुग्ध था कि बीजेपी के रणनीतिकार किस नये नये तरीके से समाज के बडे वर्ग को जोडने के लिये ऐसे अभिनव आयोजनों में जुटे हैं मगर सीएम हाउस के गेट पर ही मिल गये मेरे पत्रकार मित्र शर्मा जी छूटते ही बोले अचंभित मत हो जाना ऐसे टेलर मेड कार्यक्रम बीजेपी बहुत पहले से करती आयी है इनकी सफलता का प्रतिशत बहुत ज्यादा नहीं रहता बस कुछ होते रहने का अहसास आपको और पार्टी को खुश रखता है। हां टैंट तंबू और इवेंट वालों का फायदा शत प्रतिशत समझो। चुनाव है भाई ऐसे आयोजनों से चमत्कृत होकर किसी फैसले पर नहीं पहुंचिये। वो गाना नहीं सुना ये पब्लिक है सब जानती है ये पब्लिक है,,,,ये कमल शक्ति नहीं वोट शक्ति है

एबीपी न्यूज