महज 16 मिटन में अंतरिक्ष में पहुंचेगे यात्री, तय समय में गगनयान को किया जाएगा लांच

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नई दिल्ली। देश के पहले ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम पर जाने वाले तीन लोग श्रीहरिकोटा से लॉन्च के महज 16 मिनट बाद स्पेस में होंगे। इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। मीडिया के सामने प्रजेंटेशन देते हुए के. सिवन ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री लो अर्थ आॅर्बिट (धरती से 300-400 किमी दूर) में 5 से 7 दिन बिताएंगे।
Traveler will arrive in space at Mitton, Gaganayan will be launched in a set time.
इसके बाद गुजरात के अरब सागर में क्रू मेंबर और मॉड्यूल वापस आ जाएंगे। के. सिवन ने कहा कि पीएम मोदी की ओर से तय गी 2022 की डेडलाइन में ही इसरो की ओर से गगनयान को लॉन्च किया जाएगा। जानें, कैसे 16 मिनट में गगनयान पहुंचेगा स्पेस में और कैसे वापस आएगा…

 

  • – तीन भारतीयों को लेकर जाने वाले क्रू मॉड्यूल के साथ एक सर्विस मॉड्यूल भी होगा। इन दोनों मॉड्यूल्स को मिलाकर आॅर्बिटल मॉडयूल बनेगा, जो अडवांस्ड जीएसएलवी एम-ककक रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे।
  • – इस यात्रा पर एक सप्ताह तक तीन यात्री माइक्रोग्रैविटी और अन्य प्रयोग करेंगे। वापसी की यात्रा में आॅर्बिटल मॉड्यूल खुद को रीओरिएंट कर लेगा। क्रू और सर्विस मॉड्यूल 120 किलोमीटर की दूरी पर अलग-अलग हो जाएंगे।
  • – क्रू मॉड्यूल एयरब्रेक का इस्तेमाल कर अपनी स्पीड कम करेगा और अरब सागर में उतरने से पहले पैराशूट खुल जाएंगे। के. सिवन ने कहा कि यदि कोई तकनीकी समस्या हो जाती है तो क्रू मॉड्यूल बंगाल की खाड़ी में उतरेगा।
  • – यह मॉड्यूल 3.4 मीटर चौड़ा होगा और इसका वजन 7 टन के करीब होगा।
  • – तैयारियों को लेकर सिवन ने कहा, ‘पहली मानवरहित टेस्ट फ्लाइट इसरो 30 महीने के भीतर भेजेगा। इसके बाद दूसरी मानवरहित टेस्ट फ्लाइट को 36 महीने में भेजा जाएगा।’ पहली ह्यूमन स्पेसफ्लाइट 40 महीने के भीतर भेजी जाएगी।