मुंबई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को मुंबई में कहा कि राहुल गांधी या पार्टी के किसी अन्य नेता के आरएसएस कार्यक्रम में भाग लेने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। आरएसएस की अगले महीने व्याख्यान श्रृंखला में कांग्रेस अध्यक्ष को कथित तौर पर आमंत्रित करने की योजना के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा, पहले पत्र (निमंत्रण) आने दें। यह (निमंत्रण) चुनावों को देखते हुए है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी की महाराष्ट्र और मुंबई इकाई के कार्यकतार्ओं से मिलने के बाद खड़गे मीडिया से बात कर रहे थे।
Speaking on the plan to invite Rahul to the Sangh program, he said, “There is no question of participating
खड़गे ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ एक वैचारिक लड़ाई में लगी हुई है और पार्टी ने बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद भी छोड़ दिया। खड़गे ने कहा, कर्नाटक में, एक छोटी क्षेत्रीय पार्टी (जेडीएस) के 37 विधायक हैं और हमारे 80 विधायक हैं। लेकिन हमने धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूत करने के लिए उस पार्टी के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया। इसलिए (गांधी या कांग्रेस के किसी अन्य नेता के) आरएसएस मुख्यालय जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
कांग्रेस नेता ने आरएसएस की विचारधारा को देश के लिए और दलितों और अन्य उत्पीड़ित वर्गों के लिए ‘जहर’ बताया। खड़गे ने कहा, ‘अगर राहुल साहब मुझसे वहां (आरएसएस कार्यक्रम में) जाने के बारे में पूछते हैं, तो मैं उनसे कहूंगा कि वहां जाने का कोई सवाल ही नहीं है। ऐसे लोगों से जुड़ने का कोई इरादा नहीं है। आरएसएस के सूत्रों ने दो दिन पहले दावा किया था कि वह गांधी को अगले महीने नई दिल्ली में तीन दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला में आमंत्रित कर सकता है।
सूत्रों ने दावा किया था कि विचार अलग-अलग विचारधाराओं से लोगों को आमंत्रित करना है और सूची में सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी भी शामिल हो सकते हैं। इस बीच, खड़गे ने बीजेपी नीत केंद्र और महाराष्ट्र सरकार पर मानवाधिकारों को कुचलने और अघोषित आपातकाल लगाने का आरोप लगाया। कांग्रेस के महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी खड़गे ने सरकार पर बुद्धिजीवियों को आतंकित करने और धमकाने का आरोप लगाया।