चेन्नै। 2019 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर विपक्ष बीजेपी समेत नरेंद्र मोदी पर हमला करने के साथ ही विभिन्न मंचों से एकजुटता दिखाने की हरसंभव कोशिश कर रहा है। चेन्नै में आयोजित डीएमके नेता एम करुणानिधि की शोकसभा में भी ऐसी ही तस्वीर सामने आई। 7 अगस्त को एम करुणानिधि के निधन के बाद शोकसभा का आयोजन किया गया था लेकिन विपक्ष ने इस मंच का इस्तेमाल किया बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए। दिग्गज नेताओं ने पीएम मोदी को करुणानिधि की शोकसभा में हिटलर, मुसोलिनी और फासीवादी तक कह डाला।
Opposition trying to show solidarity, attacks Modi in Karunanidhi’s funeral
शोकसभा में कई नेताओं ने बीजेपी को 2019 में शिकस्त देने के लिए एकजुट होने की बात को दोहराया। शोकसभा में बीजेपी की ओर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मौजूद थे। उन्होंने आपातकाल के वक्त को याद दिलाते हुए कहा कि डीएमके का गठबंधन उस समय जनसंघ के साथ था। आयोजन से नितिन गडकरी के जाते ही बीजेपी पर विपक्षी नेताओं की ओर से हमले तेज हो गए।
गुलाम नबी आजाद ने की एकजुट होने की अपील
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘गडकरी ने कहा कि आपातकाल बुरा था। करुणानिधि प्रजातंत्रवादी थे और वह इसके खिलाफ थे। लेकिन यदि आपातकाल बुरा था तो वर्तमान स्थिति तो बहुत बदतर है इसलिए हम सभी को एक होना चाहिए। अपने पिता की तरह, डीएमके अध्यक्ष स्टालिन को भी अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए खड़े होना चाहिए।’
दलित ऐक्टिविस्ट की गिरफ्तारी पर बोले सीताराम येचुरी
टीडीपी की ओर से राज्यसभा सांसद वाई एस चौधरी ने बीजेपी से गठबंधन तोड़े जाने की बात को याद दिलाया। यही नहीं, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘गडकरी मंच पर मौजूद थे मैं उनसे जानना चाहता हूं कि देश में क्या हो रहा है। हाल ही में दलित कार्यकतार्ओं को गिरफ्तार कर लिया गया।’