लंबी बीमारी के बाद तरुण सागर जी का 51 साल की उम्र में निधन

0
910

नई दिल्ली। जैन मुनि तरुण सागर का शनिवार को सुबह निधन हो गया। 51 वर्षीय जैन मुनि लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में स्थित राधापुरी जैन मंदिर में सुबह करीब 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। शनिवार को ही गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित तरुणसागरम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
Tarun Sagar ji dies at 51 after long illness
दिगंबर जैन मुनि को उनके प्रवचनों के लिए जाना जाता है। ‘कड़वे प्रवचन’ के नाम से समाज को वह संदेश देते थे। वह समाज और राष्ट्र जीवन के अहम मुद्दों पर तीखी शब्दों में अपनी राय दिया करते थे। जैन समाज में खासे लोकप्रिय रहे तरुण सागर बीते काफी दिनों से पीलिया से पीड़ित थे। करीब 20 दिनों पहले उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के बावजूद स्वास्थ्य में सुधार न होने पर उन्होंने अपना इलाज बंद करा लिया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर तरुण सागर जी महाराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा, ‘मुनि तरुण सागर जी महाराज के असमय निधन से गहरा दुख हुआ है। उनके ऊंचे आदर्शों और समाज के प्रति योगदान के लिए हम उन्हें हमेशा याद रखेंगे। उनके विचार लोगों को प्रेरणा देते रहेंगे। जैन समुदाय और उनके असंख्य अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदना है।’

कुछ दिनों से वह राधापुरी जैन मंदिर में ही संथारा कर रहे थे। संथारा जैन धर्म की वह परंपरा है, जिसके तहत संत मृत्यु तक अन्न त्याग कर देते हैं। मध्य प्रदेश में 1967 में जन्मे तरुण सागर महाराज का वास्तविक नाम पवन कुमार जैन था। जैन संत बनने के लिए उन्होंने 8 मार्च, 1981 को घर छोड़ दिया था। उन्हें हरियाणा विधानसभा में भी प्रवचन के लिए बुलाया गया था।