परिवहन विभाग का सर्वर संभालने वाली कपंनी ने सिस्टम नहीं किया अपडेट, पांच माह बाद भी नहीं अंगदान का विकल्प

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भोपाल। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते वक्त लोगों को अंग दान का विकल्प नहीं मिल पा रहा है। परिवहन विभाग का सर्वर संभालने वाली स्मार्ट चिप कंपनी ने सिस्टम अपडेट नहीं किया है, जिस कारण पांच महीने बाद भी अंग दान का विकल्प नहीं आया है। वहीं एक फॉर्म पर ही सभी तरह के ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पा रहे हैं। हालांकि लाइसेंस में अंग दान व्यक्ति की स्वेच्छा पर निर्भर है।
The transport department has not taken the system to the server that has taken over the system;
केन्द्र शासन ने अप्रैल 2018 में राज्यों को ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सरल बनाने को लेकर एक आदेश जारी किया था, क्योंकि मोटर साइकिल, चार पहिया वाहन, ट्रक, ट्रैक्टर के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने पड़ते थे। अब अलग-अलग फॉर्म भरने की व्यवस्था खत्म कर एक ही फॉर्मेट निर्धारित कर दिया है, लेकिन इस नए फॉर्मेट में अंग दान का विकल्प भी जोड़ा गया है।

अगर कोई व्यक्ति अंग दान करना चाहता है तो वह फॉर्म में अपने उस अंग का नाम लिख सकता है, जिसे दान करना चाहता है। जब लाइसेंस का कार्ड तैयार किया जाएगा, उस वक्त ड्राइविंग लाइसेंस के कार्ड पर लिख दिया जाएगा कि इस व्यक्ति ने अंग दान किया है।
अंग दान करने वाले व्यक्ति की दुर्घटना में मौत होती है तो पुलिस ड्राइविंग लाइसेंस देखकर उसका अंग दान करा देगी, उसके बाद ही उसकी बॉडी परिजन के सुपुर्द की जाएगी। केन्द्र शासन के आदेश को 5 माह बीतने के बाद अब तक सर्वर अपडेट नहीं होने से अंग दान का विकल्प सर्वर पर लोगों को नहीं मिल पा रहा है।

आदेश जारी कर दिए हैं
अंग दान का विकल्प देने के लिए स्मार्ट चिप कंपनी को आदेश जारी कर चुके हैं। उसने अब तक सर्वर को क्यों अपडेट नहीं किया है, इस संबंध में जानकारी लेकर शीघ्र विकल्प दिया जाएगा।
शैलेन्द्र श्रीवास्तव, परिवहन आयुक्त