सारणी पावर प्लांट की बूढ़ी हो चुकी दो यूनिट को बंद करने की तैयारी

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भोपाल। मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के सारणी पावर प्लांट की दो यूनिट को जल्द बंद कर दिया जाएगा। ये दोनों ही यूनिट उम्रदराज हो चुकी हैं। इन्हें बंद करने के लिए यूनिट का गुपचुप मूल्यांकन करवाना प्रारंभ कर दिया गया है। कंपनी ने यूनिट को बंद करने की संभावना पर फिलहाल कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
Preparation of closure of two old old units of the Table Power Plant
ये जरूर कहा कि पर्यावरण मानकों के अनुरूप अतिरिक्त यूनिट स्थापित की जाएगी। इधर अमरकंटक और सारणी के पावर प्लांट से इंजीनियर के तबादले हुए। इसे प्लांट बंद होने की खबर से जोड़कर देखा गया। जबकि हकीकत में श्री सिंगाजी की 610 मेगावाट की नई यूनिट शुरू होने से स्टाफ को वहां तैनात किया गया।

39 साल पुराने प्लांट
सारणी में यूनिट क्रमांक 6 और 7 नंबर को बंद करने के लिए आंकलन करवाया जा रहा है। 6 नंबर की यूनिट 200 मेगावाट और 7 नंबर यूनिट से 210 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। दोनों ही क्रमश: 39 और 38 साल पुरानी यूनिट हैं। पर्यावरण मानकों के मुताबिक इन यूनिट की उम्र खत्म हो चुकी है। ऐसे में बिजली उत्पादन इनसे महंगा हो रहा है।

कोयले की खपत और ईधन अधिक लग रहा है। जनरेटिंग कंपनी ऐसी यूनिट को बंद कर इनके स्थान पर सुपर क्रिटिकल यूनिट लगाना चाहती है। इससे पहले अमरकंटक के चचाई पावर प्लांट में 120 मेगावाट की यूनिट को बंद किया जा चुका है। सारणी में पहले 62.5 मेगावाट 5 यूनिट को साल 2012-2014 के बीच बंद किया गया।

तबादले की वजह से उड़ी हवा
श्री सिंगाजी पावर प्लांट में पिछले दिनों 660 मेगावाट की नई इकाई से बिजली उत्पादन प्रारंभ हुआ है। अमरकंटक, बिरसिंहपुर और सारणी से अतिरिक्त इंजीनियरों को श्री सिंगाजी में जवाबदारी दी गई। सालों से जमे इंजीनियरों ने इस तबादले को पावर प्लांट बंद करवाने की हवा देकर तूल देने का प्रयास किया।

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से मिली गाइडलाइन के अनुरूप सारणी में अतिरिक्त यूनिट लगाने की योजना है। कई यूनिट बहुत पुरानी हैं। अभी किसी भी यूनिट को बंद नहीं कर रहे हैं।
एके नंदा, प्रबंध संचालक मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी